IBC24 CG Conclave Live: सीएम भूपेश बघेल बोले- मेरे काम का आकलन जनता करेगी | CM Bhupesh Baghel on IBC24 CG Conclave

IBC24 CG Conclave Live: सीएम भूपेश बघेल बोले- मेरे काम का आकलन जनता करेगी

IBC24 CG Conclave Live: सीएम भूपेश बघेल बोले- मेरे काम का आकलन जनता करेगी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:51 PM IST, Published Date : March 18, 2019/12:57 pm IST

रायपुर: IBC24 सोमवार को एक कॉन्क्लेव का आयोजन कर रहा है। इसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का स्वागत IBC24 के डायरेक्टर्स राजेंद्र गोयल, आनंद गोयल और बजरंग गोयल ने किया। इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि सरकार के इन 90 दिनों में जनता ने मुझे काम करने का समय दिया है। पार्टी ने जिम्मेदारी दी है। हमने पहले ही योजना बना ली थी कि हमें जीत के बाद क्या-क्या करना है। वही अब हम कर रहे हैं।

भूपेश ने आगे कहा, हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा था कि 10 दिन में कर्जा माफ करना है, हमने दो घंटे में किया। समर्थन मूल्य दिया। काम का आकलन जनता करेगी। हमने आदिवासियों को पट्टा वापस दिलवाया इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या होगी। इसी प्रकार किसानों को कर्ज माफ और समर्थन मूल्य की सौगात दी। इसलिए कहता हूं जो कहा वो किया। पिछली सरकार ने भी वादा किया था लेकिन पूरा नहीं किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को लाभ अगर दिलाना है तो उत्पादन और कर्ज माफी से नहीं होगा। उसके लिए बाजार और फूड प्रोसेसिंग की व्यवस्था होनी चाहिए। जैसे कि बस्तर में मक्का होता है तो वहां पर हमने दो फूड प्रोसेसिंग प्लांट बनाए हैं। बस्तर में फूड पार्क की घोषणा को लेकर उन्होंने कहा कि हमने 5 फूड पार्क की घोषणा की थी। हमने बस्तर के लोहंडीगुड़ा में फूड पार्क की स्थापना की है। इसी प्रकार हम बेमेतरा जिले में भी प्लांट लागाएंगे। यहां के किसानों द्वारा उत्पादन किया गया टमाटर पाकिस्तान सहित दुनिया के कई देशों में बेचा जाता है, लेकिन जब हालात बदलते हैं तो टमाटर फेंकना पड़ता है। आगे ऐसा नहीं होगा।

प्रदेश के किसानों के दोनों सीजन में धान उत्पादन को लेकर आ रही कमी को लेकर उन्होंने कहा कि हम माइक्रो प्रोजेक्ट पर ध्यान दे रहे हैं। छोटे बांध बनाकर पानी के लेवल को बढ़ाने का काम करना होगा। वाटर रिचार्ज का काम करना होगा। इसके लिए कुछ समस्याएं भी आएंगी, क्लीयरेंस लेना, जमीन अधिग्रहण करना और बहुत सारी। हालांकि इस काम में ज्यादा खर्च नहीं होगा, लेकिन किसानों को फायदा होगा। वाटर रिचार्जिंग करने के बाद किसानों को अकाल और पानी की समस्या से निजात दिलाई जा सकती है। परियोजनाओं के मानिटरिंग के लिए उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टरों को स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि मै खुद वाटर रिचार्ज प्रोजेक्ट की जांच करूंगा। वहीं, एनजीओ और अन्य संस्थाओं को इस प्रोजेक्ट से जोड़ने का प्रयास करेंगे।

प्रदेश की मुख्य समस्या में से एक नक्सल समस्या को लेकर उन्होंने कहा कि इससे निजात पाने के लिए बस्तर के लोगों का विश्वास जीतना होगा। पिछली सरकार ने क्या किया है, उन्होेंने बात करने की बजाए बंदूक से हल खोजा। आपने बस्तर के लोगों का अधिकार छिना, पहले तो आप इन्हें नक्सली बताकर जेल में डाल दिया, फिर इनकी जमीन छिन ली और न ही युवाओं को रोजगार दिलाया। हमारी सरकार ने सत्ता संभालते ही सबसे पहले आदिवासियों का विश्वास जीतने का काम किया। पहले जमीन वापस दिलाई। फिर जस्टिस पटनायक को जांच समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया, ताकि लोगों को न्याय मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरी प्रमुख समस्या हाथी की है। सदियों से हाथी और आदिवासी एक साथ रहते आए हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि आपने प्रदेश के वनों को कम कर नकली वन बना दिया है। तो हाथी भी नकली जंगल देखने रायपुर तक पहुंच गए। किसान अपनी फसल बचाने के लिए हाथी को भगाते थे, लेकिन हमारी सरकार किसानों को मुआवजा देगी। इससे हाथी नहीं भड़केंगे और चुपचाप चले जाएंगें।

पलायन के मामले को पर उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों को फसल की सही कीमत नहीं मिल पा रही थी, जिसके चलते लोग पलायन करते थे। अब हम धान की कीमत 2500 रूपए दे रहे हैं तो किसान अब अपनी गाढ़ी कमाई से उन्नत तरीके से खेती करेगा तो पलायन खुद ही रुक जाएगा। ब्रेन ड्रेन के मामले में उन्होंने कहा कि यहां आईटी उद्योगों की आवश्यकता है।

शराबबंदी का लेकर उन्होंने कहा कि ये नोटबंदी नहीं है, जो रातोंरात बंद हो जाए। न ही हमने शराबबंदी के लिए कोई समय सीमा का निर्धारन नहीं किया है। पिछली सरकार को अपने 15 साल का वक्त दिया था, मुझे तो अभी 15 महीना भी नहीं हुआ है। शराब एक सामाजिक बुराई है, ये सरकार के भरोसे खत्म नहीं हो सकता। जब तक हम समाज के लोगों का जागरूक नहीं करेंगे, शराबबंदी को लागू नहीं किया जा सकता। इसके लिए शराबियों के लिए नशामुक्ति केंद्र भी खोलनी होगी, ताकि जनधन की हानि न हो। इसके लिए हमने पहल शुरु कर दी है, सरकार ने 50 दुकानें बंद कर दी है। शराबबंदी को सफल बनाने के लिए हमने दो समितियां बनाई है, जो इस क्षेत्र में काम कर रही है।

रोजगार और उद्योग को लेकर सीएम बघेल ने कहा कि पिछली सरकार ने कई ओएमयू किए लेकिन एक भी सक्सेज नहीं हुआ। पिछली सकरार ने अधिकतर आयरन ओर और बिजली के उद्योग लगाए जो बंद हो रहे हैं। हम प्रदेश को गढ्ढा नहीं बनाना चाहते। हम कृषि और इनसे जुड़ी रोजगरोन्मुखी उद्योगों को बढ़ावा देंगे। इससे प्रदेश की जनता को रोजगार तो मिलेगा ही, नुकसान भी कम होगा।

हीरा खनन को लेकर उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने चोरी से बचाने के लिए गार्ड लगाया था, लेकिन पिछली सरकार ने सारे गार्ड को हटा दिया और अब हल्ला कर रहे हैं। हमारी सरकार ने कोर्ट से स्टे लाकर इसे आगे बढ़ाने की योजना बनाई है। पर्यटन को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि यहां पर जशपुर और अंबिकापुर में पर्यटन का एक बड़ा क्षेत्र है और मौसम भी ब​ढ़िया है। दूसरी ओर बस्तर में भी पर्यटन के क्षेत्र हैं, लेकिन यहां आने से लोगों को डर लगता है कि यहां हमें उतरते ही नक्सली पकड़ लेंगे। इसके लिए हमारी सरकार काम कर रही है।

प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से न राज्य सरकार को फायदा होगा और न ही बीमा वाले व्यक्ति को होगा। क्योंकि बड़ी बीमारी वाले मरीजों की संख्या कम है और इसके लिए 5 लाख देना कहां तक उचित है। छोटी बीमारी वाले लोगों के लिए भी योजनाएं लागू होना चाहिए, जिससे प्रदेश की जनता को लाभ हो। प्रदेश में सिकलसेल की समस्या से पीड़ित लोगों की बहुतायत है इसके लिए भी हम कार्य कर रहे हैं। कई क्षेत्रों में देखा गया है कि अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिलते तो हमने ये तय किया है कि डीएमएफ का पैसा सीधा इन्हें मिलना चाहिए। कोई भी कीमत देनी हो अस्पताल में डॉक्टर होना चाहिए।

वहीं  बीजेपी के ‘मै भी चौकीदार हूं’ अभियान को लेकर उन्होंने पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि आप कैसे चौकीदार हो, आपका दामाद फरार है। आप कैसी चौकीदारी कर रहे हैं। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राजनीति में रहने वालों के परिवार वालों को त्याग करना ही होता है। मेरे परिवार वालों ने त्याग किया तब जाकर मैं इस मुकाम पर हूं, नहीं तो मैं राजनीति नहीं कर पाता। काम करने वालों मंत्रियों की प्रदेश में कमी नहीं है। टीएस सिंहदेवजी ने मुझे एक बात सिखाई है कि अगर आप जिंदगी का संतुलन चाहते हो तो ये आपको तय करना होगा कि मुंह में क्या डालना है और मुंह से क्या निकालना है।

सुनिए IBC24 के कॉन्क्लेव में इन नेताओं ने क्या कहा