सीएम भूपेश बघेल कल करेंगे गोबर संग्राहकों के खाते में पैसे ट्रांसफर, करेंगे 36 लाख 64 हजार रुपए का भुगतान | CM Bhupesh Baghel will transfer money to the dung collectors account tomorrow

सीएम भूपेश बघेल कल करेंगे गोबर संग्राहकों के खाते में पैसे ट्रांसफर, करेंगे 36 लाख 64 हजार रुपए का भुगतान

सीएम भूपेश बघेल कल करेंगे गोबर संग्राहकों के खाते में पैसे ट्रांसफर, करेंगे 36 लाख 64 हजार रुपए का भुगतान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : October 19, 2020/6:13 pm IST

कोरबा: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कल शाम जिले के पांच हजार 400 गोबर संग्राहकों के बैंक खातों में 36 लाख 64 हजार 561 रूपये का भुगतान करेंगे। सभी गोबर संग्राहकों को यह राशि गोधन न्याय योजना के तहत 01 अक्टूबर से लेकर 15 अक्टूबर तक बेचे गये गोबर के लिये दी जायेगी। कोरबा जिले में इस अवधि में पांच हजार 400 गोबर संग्राहकों ने 18 हजार 322 क्विंटल से अधिक गोबर एकत्र कर निर्धारित गोबर खरीदी केन्द्रों में बेचा है। जिले में इस अवधि में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों को मिलाकर 181 गोठानों में यह गोबर संग्राहकों से खरीदा गया है। कल मुख्यमंत्री बघेल वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में यह राशि इलेक्ट्राॅनिक तौर पर सभी संग्राहकों के बैंक खाते में जमा करेंगे।

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जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुंदन कुमार ने आज यह बताया कि राज्य शासन की महत्वकांक्षी गोधन न्याय योजना का संचालन पूरे जिले में सफलता पूर्वक किया जा रहा है। अब तक इस योजना से लगभग 11 हजार गोबर संग्राहकों को जोड़ा गया है। समय-समय पर एक पखवाड़े में खरीदे गये गोबर की राशि दो रूपये प्रतिकिलो की दर से गोबर संग्राहकों के बैंक खातों में सीधे जमा की जाती है। कुमार ने बताया कि एक से लेकर 15 अक्टूबर तक के पखवाड़े में पांच हजार 400 संग्राहकों को 18 हजार 322 क्विंटल से अधिक गोबर बेचने पर 36 लाख 64 हजार 561 रूपये मिलेंगे। उन्हांेने बताया कि एक-15 अक्टूबर के पखवाड़े में कोरबा विकासखण्ड के 27 गोठानों में 433 गोबर संग्राहकों से दस हजार 766 क्विंटल से अधिक गोबर खरीदा गया है जिसके लिये उन्हें दो लाख 15 हजार 325 रूपये भुगतान किये जायेंगे। करतला विकासखण्ड में इसी अवधि में 28 गोठानों के माध्यम से 245 विक्रेताओं से 827 क्विंटल 62 किलो गोबर खरीदा गया है और सभी संग्राहकों को एक लाख 77 हजार 524 रूपये की राशि दी जायेगी। कटघोरा विकासखण्ड के 20 गोठानों में 492 विक्रेताओं को 16 हजार 841 क्विंटल से अधिक खरीदे गये गोबर के लिये तीन लाख 36 हजार 824 रूपये का भुगतान होगा। पाली विकासखण्ड के 52 गोठानों में दो हजार 768 संग्राहकों से 86 हजार 952 क्विंटल से अधिक खरीदे गये गोबर के लिये 17 लाख 39 हजार 052 रूपये का भुगतान होगा। पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड के 49 गोठानों में एक हजार 343 संग्राहकों से 53 हजार 145 क्विंटल से अधिक गोबर खरीदा गया है और इसके लिये उन्हंे दस लाख 62 हजार 906 रूपये का भुगतान कल किया जायेगा। कटघोरा नगर पालिका क्षेत्र के नौ गोबर संग्राहकों को 156 क्विंटल 55 किलो गोबर बेचने पर 31 हजार 310 रूपये, छुरीकला नगर पंचायत क्षेत्र के चार विक्रेताओं को 61 क्विंटल 76 किलो गोबर के लिये 12 हजार 352 रूपये, दीपका नगर पालिका परिषद क्षेत्र के छह विक्रेताओं को 44 क्विंटल 98 किलो गोबर बेचने पर आठ हजार 996 रूपये, पाली नगर पंचायत के 13 गोबर संग्राहकों को 47 क्विंटल 68 किलो गोबर बेचने पर नौ हजार 536 रूपये और कोरबा नगर निगम क्षेत्र के 87 विक्रेताओं को 353 क्विंटल 68 किलो गोबर बेचने पर 70 हजार 736 रूपये का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जायेगा।

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उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना के तहत जिले के पूरी तरह स्थापित 205 गौठानों में दो रूपये प्रतिकिलो की दर से गोबर खरीदी की जा रही हैं। योजना के तहत गौ पालकों से खरीदे गये गोबर से तैयार किये गये वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पादों को शासन द्वारा निर्धारित दर पर बेचा जायेगा। गौ पालकों से गोबर की खरीदी की दर में गौठान समितियों द्वारा परिवहन शुल्क भी शामिल है। गौठान समिति अपने ग्राम पंचायत में शामिल गांव के ही गौ पालकों से गोबर खरीद रही हैं। अपने पशुओं द्वारा उत्पादित गोबर की बिक्री पशुपालक के लिए पूरी तरह से स्वैच्छिक है। गौठान समितियां हाथ में उठाये जाने लायक अर्द्ध ठोस प्रकृति का ही गोबर खरीदेंगी। कंाच, प्लास्टिक, मिट्टी आदि अपशिष्टों वाला गोबर नहीं खरीदा जायेगा।

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गौठान समितियां पशुपालकों से खरीदे गये गोबर का पूरा लेखा-जोखा भी रख रहीं हैं। हरेक पशुपालक का गोबर खरीदी कार्ड या क्रय पत्रक बनाया गया है जिसमें प्रतिदिन खरीदे गये गोबर की मात्रा की इस कार्ड में इंट्री की जाती है और इस पर पशुपालक के भी हस्ताक्षर लिये जाते हैं। पशुपालकों से खरीदे गये गोबर को गौठान में लाकर सीपीटी में रखा जाता है और 15-20 दिन के बाद वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए उपयोग किया जा रहा है। पशुपालकों से खरीदे गये गोबर की मात्रा अनुसार भुगतान हर 15 दिन में लगातार किया जा रहा है। गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट बनाने का काम स्थानीय स्व सहायता समूह कर रहे हैं।

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