रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रालय में कलेक्टर-एसपी कान्फ्रेंस शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नरुआ, गरुआ, गुरुवा, बाड़ी, खेती और पशुपालन की मजबूती के लिए है। उन्होंने कहा कि मवेशियों के खुले में घूमने से खेती में दिक्कतें आ रही हैं। गौठान निर्माण और चारागाह विकास से यह समस्या दूर होगी।
भूपेश ने कहा कि गौठान निर्माण धार्मिक नहीं बल्कि आर्थिक का है। जहां गौठान बन गये हैं वहां पशुओं का आना शुरू हो गया है। नरुआ, गरुआ, गुरुवा, बाड़ी (NGGB) से एक-दो साल में अच्छे परिणाम आएंगे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गोठान के लिए भूमि चयन में पूरी सावधानी बरतें। इस विषय में विवाद से बचें। गोठान में सीमेंट कांक्रीट का उपयोग ना हो। साथ ही कानून व्यवस्था की समस्या ना आए, इसका भी ख्याल रखें। गढ्ढा न हो, छाया रहे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति आय बढ़ाना है, इससे गांव की अर्थव्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन होगा। NGGB में ग्रामीणों की सहभागिता बढ़ाएं। उनका अधिक से अधिक सहयोग लें।
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कॉन्फ्रेंस के पहले सत्र में मुख्यमंत्री मुख्य 16 बिंदुओं सहित करीब 2 दर्जन बिंदुओं की समीक्षा करेंगे। इस दौरान राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य के सभी संभागों से आए कमिश्नर, जिले से आए कलेक्टर, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और नगर निगमों के आयुक्त भी उपस्थित हैं। बैठक में मुख्य सचिव सुनील कुज़ूर, अपर मुख्य सचिव केडीपी राव, अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।