निर्भया के परिजनों ने CMO से की बदसलूकी, कहा- कौन है वो? क्‍यों गई थी दिल्‍ली? | CMO of a primary healthcare center&relative of 2012 Delhi gang-rape case,after villagers sit on a protest demanding doctors&basic facilities at center

निर्भया के परिजनों ने CMO से की बदसलूकी, कहा- कौन है वो? क्‍यों गई थी दिल्‍ली?

निर्भया के परिजनों ने CMO से की बदसलूकी, कहा- कौन है वो? क्‍यों गई थी दिल्‍ली?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : February 12, 2020/10:27 am IST

बलिया: एक ओर जहां निर्भया के परिजन न्याय की आस लगाए न्यायालय की ओर देख रहे हैं, वहीं, दूसरी ओर दोष लगातार कानूनी दांव-पेंच खेलकर फांसी के फंदे से बच रहे हैं। सी बीच निर्भया के परिजनों से बदसलूकी का एक मामला सामने आया है। ​दरअसल निर्भया के दादा के साथ इलाक के सीएमओ ने बदसलूकी की है। बताया जा रहा है कि गांव में निर्भया के नाम पर सरकार की ओर अस्पताल बनाया गया, लेकिन अभी तक डॉक्टरों की तैनाती नहीं हुई है। डॉक्टरों की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे। इसी दौरान वहां इलाके के सीएमओ पहुंचे और उनसे बदसलूकी करते हुए कहा कि कौन है निर्भया? वह दिल्ली क्यों गई थी।

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मिली जानकारी के अनुसार निर्भया के पैतृक गांव मड़ावरा कला में सरकार ने निर्भया का सापना पूरा करने के लिए एक अस्पताल का निर्माण करवाया है, लेकिन अभी तक यहां न तो कोई डॉक्टर आया और न ही कोई नर्स की तैनाती हो पाई है। अस्पताल में डॉक्टरों की तैनाती की मांग को लेकर निर्भया के दादा हड़ताल पर बैठ गए थे।

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मामले की जानकारी होने पर इलाके के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ प्रीतम कुमार मिश्र मौके पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने निर्भया के दादा से बदसलूकी करते हुए कहा कि आज तक निर्भया के गांव में किसी ने भी डॉक्टर की पढ़ाई तो की नहीं और यहां के लोगों को डॉक्टर चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले डॉक्टर की पढ़ाई करें फिर इसी अस्पताल में डॉक्टर बन जाएं। इस गांव में डॉक्टर तो बनाया नहीं तो अस्पताल क्यों खुलवाया। हम कहां से डॉक्टर लाएं, जितने पद हैं उतने डॉक्टर हैं नहीं।

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स्थानीय लोगों ने बताया कि निर्भया का सपना था कि वो मेडिकल की पढ़ाई कर गांव में एक अस्पताल खोलना चाहती थी ताकि गांव के लोगों को उपचार के लिए बाहर न जाना पड़े। लेकिन दर्दनाक हादसे का शिकार होने के बाद सपना अधूरा ही रह गया था। निर्भया की मौत के बाद सरकार ने उसका सपना पूरा करने के लिए गांव में एक अस्पताल खुलावाया था।

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