काफी सोच-विचार के बाद आखिरकर सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपए के घाटे में चल रही एयर इंडिया को निजी हाथों में सौंपने का फैसला कर लिया। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ये जानकारी देते हुए बताया कि एयर इंडिया के विनिवेश के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। ये कैसे होगा और कितनी हिस्सेदारी बेची जाएगी, इसका फैसला करने के लिए मंत्रियों की एक समिति बनाई जाएगी।
आपको बता दें कि JRD टाटा ने 85 साल पहले 1932 में इसकी शुरुआत की थी। जिसे 64 साल पहले 1953 में सरकार ने खरीद लिया था। एयर इंडिया पर फिलहाल 55 हजार करोड़ रुपए का कर्ज भी है। UPA सरकार ने घाटे से उबरने के लिए एयर इंडिया को साल 2012 में 30 हजार 200 करोड़ रुपए का बेलआउट पैकेज भी तैयार किया था।