नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को लेकर कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के बीच गठबंधन हो गया है। यहां कांग्रेस 20 सीटों और जेडीएस 8 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राज्य में पिछले साल मई में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें भाजपा ने 104, कांग्रेस ने 78 और जेडीएस ने 37 सीटें जीती थीं। फिलहाल यहां जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार है और कुमारस्वामी मुख्यमंत्री हैं। खास बात ये है, कि कांग्रेस ने अपनी जीती हुई टुमकुर सीट जेडीएस के लिए छोड़ दी है। वहीं जेडीएस ने भी अपने गढ़ मैसूर का दावा छोड़ा।
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बता दें कि कर्नाटक में 28 लोकसभा सीटों को लेकर गठबंधन सरकार के दोनों दलों जेडीएस और कांग्रेस के बीच खींचतान मची हुई थी। जेडीएस 10 सीटें मांग रही थी, जबकि कांग्रेस उसे सिर्फ 6 सीटें देने को तैयार थी, लेकिन 20 और 8 सीटों पर बात बन गई है। बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा का मानना है कि गठबंधन के बावजूद भारतीय जनता पार्टी 28 में से 22 सींटें जीतेगी। इससे पहले जेडीएस प्रमुख एचडी देवगौड़ा ने अपने पोते प्रज्जवल रेवन्ना की अपनी जगह ताजपोशी कर दी। वो अब हासन से लोकसभा का चुनाव अपने दादा देवगौड़ा की जगह लड़ेंगे। देवगौड़ा के दूसरे पोते और मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी की उम्मीदवारी को लेकर मंड्या में काफ़ी विरोध हो रहा है। इसके अलावा जेडीएस मैसूर और चिकबलापूर सीट भी चाहती है।
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बीजेपी को भरोसा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्में की बदौलत 28 लोकसभा सीटों में से 22 जीतेगी। पिछले लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने 17 सींटें जीती थीं, हालांकि बाद के उपचुनाव में एक सीट हार गई थी। जेडीएस के हिस्से 2 सीटें लगी थी। पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि, ‘मित्रों मैंने आपको बताया कि अगर जेडीएस और कांग्रेस साथ आते हैं तो इससे हमें और फायदा होगा, क्योंकि लोगों का इस गठबंधन से भरोसा उठ चुका है।