तिरुअनंतपुरम। केरल स्थित सबरीमाला मंदिर के कपाट शुक्रवार को खुलेंगे। इससे केरल में यह सवाल चर्चाओं में है कि क्या सुप्रीम कोर्ट के साफ आदेश के बाद इस बार महिलाएं मंदिर में प्रवेश कर सकेंगी। मंदिर में हर उम्र की महिलाओं की एंट्री को लेकर गुरुवार को बुलाई गई केरल सरकार की सर्वदलीय बैठक बेनतीजा रही, कांग्रेस और बीजेपी ने इस बैठक से वॉकआउट कर दिया। दोनों ही दलों ने सरकार से कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसले को लागू करने के लिए और वक्त मांगे।
केरल सरकार ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराने पर अडिग है। मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री पी. विजयन ने कुछ नियम बनाने के संकेत दिए हैं। इन नियमों में एक विकल्प यह भी है कि राज्य सरकार मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के लिए दिन ही तय कर सकती है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट अपने 28 सितंबर के फैसले पर पुनर्विचार करने के दाखिल 49 याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।
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हालांकि सर्वदलीय बैठक से दोनों दलों के वॉकआउट करने के बाद अब राज्य सरकार के पास ज्यादा विकल्प नहीं है। एक ओर कांग्रेस और बीजेपी इस मसले पर मंदिर की परंपरा के पालन के तर्क रख रहे हैं तो दूसरी तरफ लेफ्ट सरकार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन कराए जाने का दबाव है। इस मामले में केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा, ‘हमें देखना होगा कि क्या सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए महिलाओं के लिए कुछ दिन तय किए जा सकते हैं। इस पर विचार किए जाने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने 28 सितंबर के आदेश में साफ कहा है कि महिलाओं को मंदिर में प्रवेश दिया जाए’।
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