मप्र में नतीजे आने से पहले ही कांग्रेस ने शुरु की सरकार बनाने की तैयारी, विधायकों के लिए पोर्टफोलियो तैयार | Congress has already started preparing for formation of govt before the results come in MP

मप्र में नतीजे आने से पहले ही कांग्रेस ने शुरु की सरकार बनाने की तैयारी, विधायकों के लिए पोर्टफोलियो तैयार

मप्र में नतीजे आने से पहले ही कांग्रेस ने शुरु की सरकार बनाने की तैयारी, विधायकों के लिए पोर्टफोलियो तैयार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:23 PM IST, Published Date : December 11, 2018/12:44 am IST

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजे आज आने वाले हैं। लेकिन कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में अपनी सरकार बनाने की तैयारी शुरु कर दी है। मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रिमंडल के पोर्टफोलियो के लिए सीनियर विधायकों को फोन जाने की खबरें भी कांग्रेस मुख्यालय में जोरों पर चल रही हैं। कमलनाथ औऱ सिंधिया समर्थकों ने अपने नेताओं को मुख्यमंत्री बनाने की दावेदारी भी ठोक दी है।

मध्यप्रदेश का चुनावी महाभारत आज खत्म हो जाएगा। लेकिन सत्ता का वनवास खत्म करने बेताब दिख रही कांग्रेस की खुशी का तकाज़ा तो ऐसा है मानों उसकी सरकार बन ही गई है। बस अब सरकार चलाने वाले मुखिया की ताजपोशी का ही इंतज़ार रह गया हो। उज्जैन के उन्हेल में तो रविवार को उत्साहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने की लिए पूजा-पाठ और हवन तक कर डाला। कमलनाथ समर्थकों को उम्मीद है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार के सरदार कमलनाथ ही होंगे तो वहीं कमलनाथ का मुस्कुराते हुए कहना है कि मुख्यमंत्री तो कोई भी बन सकता है, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस का सूखा ज़रुर खत्म होने जा रहा है।

उधर कमलनाथ के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के समर्थक भी अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाने की तैयारियों में जुटे हैं। आइए हम आपको सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं कि कांग्रेस की ओर ले मुख्यमंत्री के दावेदार आखिर कौन-कौन हैं। कमलनाथ, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं और छिंदवाड़ा से 9 बार के सांसद और मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। कांग्रेस की सरकार में सड़क परिवहन, वाणिज्य, उद्योग जैसे एहम विभागों के मंत्री रहे। इनकी छवि साफ मानी जाता है। यही नहीं कार्यकर्ताओं में भी इनका बड़ा नेटवर्क माना जाता है। अनुभवी होने के साथ बुरे वक्त में पार्टी को मजबूत करने के साथ ही गुटबाज़ी दूर करने सफल माने जाते हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया, मध्य प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हैं और गुना-शिवपुरी सीट से चार बार के सांसद और यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इन्हें राज्य का सबसे लोकप्रिय सियासी चेहरा भी माना जाता है। साथ ही कांग्रेस में अकेले दमदार युवा नेता होने के नाते मुख्यमंत्री पद के बड़े दावेदार माने जा रहे हैं। अजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष हैं और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे हैं। अजय को विंध्य क्षेत्र के बड़े कांग्रेस नेता के तौर पर पहचाना जाता है। ये चुरहट से 6 बार के विधायक रहने के साथ दिग्गी सरकार में अहम विभागों के मंत्री रह चुके हैं। इन्हें राज्य कांग्रेस के सबसे अनुभवी जमीनी नेता के तौर पर जाना जाता है।

कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान के साथ ही मंत्रिमंडल को लेकर भी अटकलों का दौर जारी है। खबर तो ये भी है कि सीनियर विधायकों को उनके पोर्टफोलियो तक बता दिए गए हैं।  कांग्रेस की सरकार बनने पर दो से तीन बार के विधायकों को राज्यमंत्री पद से नवाज़ा जाएगा जबकि 4 बार से ज्यादा के विधायकों को कैबिनेट मंत्री पद दिया जाएगा।

ऐसा कहा जा रहा है कि डॉ राजेंद्र सिंह विधानसभा अध्यक्ष, डॉ गोविंद सिंह सहकारिता मंत्री, सुरेश पचौरी गृह मंत्री, एनपी प्रजापति उर्जा मंत्री,  केपी सिंह, खनिज मंत्री, गोविंद राजपूत जेल मंत्री, रामनिवास रावत पंचायत मंत्री, सज्जन सिंह वर्मा नगरीय प्रशासन, जीतू पटवारी उच्च शिक्षा, आरिफ अकील गैस राहत

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विभाग, जयवर्धन सिंह खेल एवं युवक कल्याण, फुंदेलाल मार्को आदिवासी विकास विभाग, इमरती देवी महिला एवं बाल विकास विभाग, हिना कांवरे स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री, तरुण भानोट पीडब्लूडी राज्य मंत्री, शैलेंद्र पटेल, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री हो सकते हैं।

दरअसल कांग्रेस का दावा है कि आपसी खींचतान के बजाए सरकार में आने के बाद सबसे पहले अपने वादे पूरे करेंगे। किसानों का कर्जा माफ, बिजली बिल हॉफ जैसे वादे कांग्रेस सरकार के एजेंडे मे रहेंगे। लेकिन अब देखना दिलचस्प होगा कि 11 दिसंबर का दिन कांग्रेस पर भारी पड़ता है या फिर बीजेपी पर।

 
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