राजीव गांधी किसान न्याय योजना का अगर विरोध करना है तो पहले भाजपा नेता अपने खाते में आए हुए पैसे को वापस करें- आरपी सिंह | Congress leader RP Singh targeted to BJP

राजीव गांधी किसान न्याय योजना का अगर विरोध करना है तो पहले भाजपा नेता अपने खाते में आए हुए पैसे को वापस करें- आरपी सिंह

राजीव गांधी किसान न्याय योजना का अगर विरोध करना है तो पहले भाजपा नेता अपने खाते में आए हुए पैसे को वापस करें- आरपी सिंह

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : May 23, 2020/8:16 am IST

रायपुर। कांग्रेस पार्टी संचार विभाग के सदस्य आरपी सिंह ने एक बयान जारी करके भारतीय जनता पार्टी और विशेषकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह एवं नेता प्रतिपक्ष धर्म लाल कौशिक से यह प्रश्न किया है कि भारतीय जनता पार्टी और उसके नेताओं में किसानों के प्रति आखिर इतनी नफरत क्यों है किसान छत्तीसगढ़ महतारी का सच्चा सपूत है और हमारा अन्नदाता भी है अगर किसान समृद्ध होगा खुशहाल होगा तो छत्तीसगढ़ महतारी और प्रदेश की जनता भी खुशहाल होगी।

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डॉ रमन सिंह ने अपने कार्यकाल में हमेशा किसानों को छलने का काम किया है कभी भी किसानों के प्रति की गई घोषणाएं उनकी सरकार ने पूरी नहीं की है। चाहे मामला भू अधिग्रहण का हो या फिर बोनस का ही क्यों ना हो। जब ₹170 का बोनस डॉ रमन सिंह ने दिया था तब दो किस्तों में किसानों को यह मिला था। जब ₹220 का बोनस दिया गया था तब भी किसानों को दो किस्तों में मिला था। अब अगर किसानों को किस्तों में प्रोत्साहन राशि मिल रही है तो फिर विरोध कैसा?

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केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री कृषक सम्मान योजना में 5 एकड़ तक के किसानों के लिए मात्र साल में ₹6000 का प्रावधान किया गया है जोकि ₹2000 की तीन किस्तों में मिलता है वहीं राज्य सरकार की न्याय योजना में 5 एकड़ के किसान को ₹50000 मिलते हैं वह भी महज चार किस्तों में, बेहतर क्या है डॉ रमन सिंह को बताना चाहिए।

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आरपी सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत मिले हुए पैसों से भारतीय जनता पार्टी की सहमति नहीं है तो कृपया भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेतागण इस न्याय योजना के तहत मिली हुई राशि को तत्काल मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा कर दें ताकि यह राशि प्रदेश में फैल रहे कोरोना संक्रमण से लड़ने के काम आ सके। आखिर यह कैसा विरोध है कि अपने खाते में आए हुए पैसे आप चुपचाप ग्रहण कर लेते हैं और शेष किसानों को गुमराह करने का प्रयास करते हैं? नैतिकता का उच्च मानदंड तो यही कहता है कि आप इस योजना का विरोध तभी करें जब राज्य शासन से मिले हुए पैसे वापस कर दें।

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इस योजना के प्रारंभ होने से किसानों के मन में यह बात स्थाई तौर पर बैठ गई है की “भूपेश है तो भरोसा है” हमारी सरकार ने जो भी वादे प्रदेश की जनता से किए हैं उन्हें हम हर हाल में पूरा करेंगे। भारतीय जनता पार्टी चाहे जितने कुचक्र रच ले हमारी सरकार को जनहित के कार्यों से विमुख नहीं कर पाएगी। इस बयान के साथ ही आरपी सिंह ने एक सूची जारी करके यह बताया है की भारतीय जनता पार्टी के किन बड़े नेताओं को इस योजना से कितनी आर्थिक मदद मिली है।