जयपुर। मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान में बने हालात को लेकर कांग्रेस के आला नेता आक्रामक हो गए हैं। बीजेपी पर निशाना साधते हुए कड़े बयान दे रहे हैं। इसी कड़ी में अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने दलबदल करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए संविधान संशोधन कर, कानून सख्त करने की मांग की है।
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उन्होंने भ्रष्ट नेताओं को कोरोना बताया है। वहीं प्रदेश के मौजूदा हालात को जोड़ते हुए भ्रष्ट नेताओं पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए वैक्सीन की अवश्यकता को महत्वपूर्ण बताया है। सिब्बल ने सोशल मीडिया के जरिए बीजेपी पर हमला बोलते हुए केंद्र सरकार से इस वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता संविधान की दसवीं सूची में संशोधन की मांग की है।
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अपने ट्वीट में कपिल सिब्बल ने लिखा- वैक्सीन की आवश्यकता है। भ्रष्टाचार रूपी वायरस का मतलब है एक चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश करना और यह फैलता है दिल्ली में ‘वुहान जैसी सुविधा’ देने से। इस वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता संविधान की दसवीं सूची में संशोधन से विकसित की जा सकती है।
Need for Vaccine :
Virus of “ corrupt means “ to topple elected governments has spread through a “ Wuhan like facility “ in Delhi
It’s “ antibodies “ lie in amending the Tenth Schedule
Ban all defectors from :
Holding public office for 5years
Fighting the next election— Kapil Sibal (@KapilSibal) July 19, 2020
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सिब्बल ने आगे लिखा कि दलबदल करने वालों पर बैन लगाना ही सबसे अच्छा विकल्प हैं। इस तरह के लोगों को अगले पांच सालों तक किसी भी तरह के सार्वजनिक ऑफिस ज्वॉइन करने की मनाही होनी चाहिए। इसके साथ ही अगले चुनाव लड़ने पर भी रोक लगनी चाहिए।
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संविधान की दसवीं अनुसूची में दल-बदल से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख किया गया है। इसे दलबदल विरोधी अधिनियम के रूप में भी जाना जाता है। संविधान में दसवीं अनुसूची को 1985 में 52 वें संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया था। इसमें विधायकों अथवा सांसदों को सदन के किसी अन्य सदस्य की याचिका के आधार पर विधानसभा या संसद के पीठासीन अधिकारी द्वारा दलबदल के आधार पर अयोग्य ठहराये जाने की प्रक्रिया का वर्णन है। यह कानून संसद और राज्य विधानसभाओं दोनों पर लागू होता है।
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