नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र सोमवार को शुरू हो गया है, वहीं कोरोना महामारी को लेकर मोदी पर लगातार हमला करने वाले राहुल गांधी संसद से नदारद नजर आए। राहुल गांधी ने स्पीकर को पत्र लिखकर लोकसभा से अवकाश लिया हुआ है। उन्होंने पत्र में कहा है कि वह अपनी मां व कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नियमित चेकअप के लिए विदेश जा रहे हैं।
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वहीं राहुल गांधी के इस समय विदेश जाने को लेकर कांग्रेस के कुछ नेता नाखुश हैं। उनका मानना है कि संसद में प्रश्नकाल को हटाया गया, साथ ही बिहार और पश्चिम बंगाल के चुनाव आने वाले हैं, ऐसे में राहुल गांधी को संसद में मौजूद होना चाहिए था। यह महत्वपूर्ण है, राहुल गांधी कांग्रेस के वो नेता हैं जो लगातार कोरोना महामारी, अर्थव्यवस्था और चीन के मुद्दे पर सरकार को लगातार घेरते आए हैं। ऐसे में उनके साथियों का मानना है कि उन्हें यहां इस समय मौजूद रहकर सरकार को घेरना चाहिए था।
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इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यही वह समय है जब राहुल गांधी और कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों के साथ संपर्क साधने की कोशिश कर सकते हैं, राहुल गांधी पर अक्सर आरोप लगाया जाता रहा है कि वह तब मौजूद नहीं होते हैं, जब उनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है। चाहे वह सीएए के खिलाफ प्रदर्शन हों या दिल्ली दंगों के दौरान। भले ही वह चीन के मुद्दे पर आक्रामक रहे हो, लेकिन उन्होंने रक्षा मुद्दे पर संसदीय समिति की 11 बैठकों को भी अटेंड नहीं किया।
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राहुल गांधी के समर्थकों का कहना है कि उन्हें मुद्दों को उठाने के लिए मौजूद नहीं होना चाहिए क्योंकि उनका समर्थन हमेशा स्टेज के पीछे से होता है, साथ ही, इस मामले में अनुपस्थिति के एक व्यक्तिगत कारण को राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए, हालांकि, तथ्य यह है कि राहुल गांधी की अनुपस्थिति ने उनकी पार्टी को बैकफुट पर डाल दिया है।
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