रायपुर: छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े निजी अस्पताल MMI की स्थापना गरीब मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिए की गई थी। इसके लिए अलग-अलग 70 लोगों ने दान दिया था और इन्हें संस्था में डायरेक्टर बनाया गया था। लेकिन तमाम नियम-कायदों को ताक पर रखकर कई सालों से जुड़े इनके डायरेक्टर को हटाकर MMI अस्पताल को हाईजैक करने की कोशिश की जा रही है।
29 जुलाई को दिनदहाड़े इलेक्ट्रिक कटर और हथौड़ी लेकर ताला तोड़ने पहुंचे लोगों ने यहां कब्जे की कोशिश की। यहां के डायरेक्टर रुम और एकाउंट सेक्शन का ताला तोड़ दिया। यही नहीं कब्जा करने वालों ने अब इसके 70 डायरेक्टर को भी मानने से इनकार कर दिया है। वे इन्हें अयोग्य बता रहे हैं, जबकि MMI अस्पताल को आज इस मुकाम तक पहुंचाने वाले 70 डायरेक्टर और उनकी मेहनत ही है। MMI पर कब्जे को लेकर सभी डायरेक्टरों का कहना है कि शासन-प्रशासन को धोखा देकर, उन्हें गुमराह कर गलत तरीके से कब्जे की कोशिश की जा रही है। जबकि उनके पास सारे दस्तावेज हैं, जिनमें वे लीगल डायरेक्टर हैं और उन्हें अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता।
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