कोरोना महामारी से निपटने सामाजिक संगठनों का सहयोग जरूरी : CM भूपेश बघेल, वीडियो कॉन्फ्रेंस से सामाजिक संगठनों से की चर्चा | | Cooperation of social organizations necessary to deal with Corona epidemic: CM Bhupesh Baghel Discussion with social organizations through video conference

कोरोना महामारी से निपटने सामाजिक संगठनों का सहयोग जरूरी : CM भूपेश बघेल, वीडियो कॉन्फ्रेंस से सामाजिक संगठनों से की चर्चा |

कोरोना महामारी से निपटने सामाजिक संगठनों का सहयोग जरूरी : CM भूपेश बघेल, वीडियो कॉन्फ्रेंस से सामाजिक संगठनों से की चर्चा |

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:15 PM IST, Published Date : April 15, 2021/12:42 pm IST

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण से उत्पन्न स्थिति पर विभिन्न समाज के प्रमुखों से आज वीडियो कॉन्फ्रेंस से चर्चा की। उन्होंने कोरोना महामारी से निपटने सामाजिक संगठनों से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार के पास संसाधन सीमित हैं। सरकार के साथ समाज के जुड़ने से संसाधन कई गुना बढ़ जाता है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पिछले वर्ष की तरह इस बार भी सभी समाज के लोगों का सक्रिय सहयोग जरूरी है। उन्होंने वर्तमान में विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सहायता के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा और मुख्य सचिव अमिताभ जैन भी वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए।
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मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर ज्यादा घातक है। इसका वायरस ज्यादा संक्रमित करने वाला है। इस बार अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। राज्य शासन अपने पूरे संसाधन के साथ इस महामारी से निपटने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़ रहे संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन जरूरी है। उन्होंने समाज प्रमुखों से लोगों को स्वअनुशासित रहने और संक्रमण से बचाव के उपायों का गंभीरता से पालन करने के लिए प्रेरित करने कहा।

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सीएम बघेल ने कहा कि बचाव ही सुरक्षा है। इसके लिए लोगों का जागरूक होना जरूरी है। मास्क के उपयोग, शारीरिक दूरी और हाथों की अच्छी साफ-सफाई से संक्रमण से बचा जा सकता है। यदि घर में किसी को लक्षण दिखें तो उसे आइसोलेट करें। उसकी कोरोना जांच करवाएं और रिपोर्ट पॉजिटिव आए तो एसओपी के मुताबिक पूरा उपचार लें। इलाज में देरी से संक्रमण बढ़ता है और यह जानलेवा हो सकता है। मुख्यमंत्री ने समाज प्रमुखों को रेमेडेसिविर इंजेक्शन के उपयोग के बारे में बताया कि यह आईसीयू या वेंटीलेटर में उपचाररत गंभीर मरीजों को दिया जाता है। इसके लिए डॉक्टरों की निगरानी जरूरी है। होम आइसोलेशन और अस्पताल में सामान्य मरीजों के लिए इसका प्रयोग नहीं होता है। अस्पतालों को उनकी जरूरत के मुताबिक रेमेडेसिविर की आपूर्ति की जा रही है। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में बताया कि अभी प्रदेश के सात शासकीय और पांच निजी लैबों में आरटीपीसीआर पद्धति से कोरोना सैंपलों की जांच की जा रही है। इस महीने कोरिया, महासमुंद, कांकेर और कोरबा में चार नए लैब शुरू होने से जांच में तेजी आएगी और रिपोर्ट जल्दी मिलेगी। शासकीय क्षेत्र के 31 और निजी क्षेत्र के चार लैबों में ट्रनाट पद्धित से भी सैंपलों की जांच की जा रही है। रैपिड एंटीजन किट से भी सभी जिलों में सैंपल की जांच हो रही है। उन्होंने बताया कि टीकाकरण में भी छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। प्रदेश की 14 प्रतिशत आबादी को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगाया जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु जी. पिल्लै ने पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति, टेस्टिंग, इलाज की व्यवस्था और टीकाकरण की जानकारी दी। जनसंपर्क विभाग के सचिव डी.डी. सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं नीरज बंसोड़ और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला भी वीडियो कॉन्फ्रेंस में मौजूद थीं।

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मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों ने बताया कि वे लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने के साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर और दवाईयां उपलब्ध कराने में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि वे कोविड-19 के प्रबंधन में अपने सामाजिक भवनों, छात्रावासों, वालिंटियर, भोजन उपलब्ध कराने, ऑक्सीजन आपूर्ति एवं अन्य किसी भी प्रकार के सहयोग के लिए सहर्ष तैयार हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंस में मनवा कुर्मी समाज, छत्तीसगढ़ कंवर समाज, राजपूत-क्षत्रिय महासभा, माहेश्वरी समाज, छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत, महाराष्ट्र मंडल, साहू समाज, मसीही समाज, जैन समाज और देवांगन समाज के प्रमुख शामिल हुए।