भोपाल: कोरोना को लेकर पहले कई जोक्स बने यहां तक की उनकी कॉलर ट्यून को लेकर भी मिम बनाए गए, लेकिन जब उसका भयावह चेहरा हिंदुस्तान के लोगों ने देखा तो सारे मजाकिया अंदाज हवा हो गए और लोगों ने कोरोना से बचने के सारे इंतजाम किए फिर वो चाहे लॉकडाउन क्यों ना हो। लेकिन अगर किसी ने कोरोना पर गंभीरता को समझते हुए भी उस पर अपना उल्लू सीधा करने की कोशिश की वो हे नेता और उनकी जुवानी जंग जो अब अपना स्तर भी खो चुकी है और अनर्गल बयानबाजी जारी है।
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सुना आपने मध्यप्रदेश के दो बड़े नेताओं को, जिन्हें शायद कोरोना की गंभीरता का ख्याल नहीं। इन्हें शायद ये अहसास नहीं है कि पूरी दुनिया में इस बीमारी से लड़ने के लिए युद्धस्तर पर काम हो रहा है। प्रधानमंत्री बार बार मास्क लगाने की अपील कर रहे हैं लेकिन इन्हें क्या फर्क पड़ता है और शायद इसलिए तो इन्होंने कोरोना में कादर खान की एंट्री करवा दी है।
जिस बीमारी से भारत में डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हो उसे लेकर नेताओं का ये रुख सवाल तो खड़े करता ही है। इतने वरिष्ठ नेताओं का इस तरह का बयान क्या आपत्तिजनक नहीं है। सार्वजनिक जीवन जीने वाले लोगों के इस रवैये से क्या लोगों को असर नहीं पड़ेगा। क्या किसी फिल्मी चरित्र के जरिए किसी कलाकार का मखौल उड़ाना गलत नहीं है? क्या दोनों ही पार्टियों के नेता अपने बड़े नेताओं की नसीहत का मखौल नहीं उड़ा रहे हैं? मामले के तूल पकड़ते ही दोनों पार्टयों की तरफ से सफाई भी आने लगी।
कोरोना के नए स्ट्रेन आने के बाद प्रदेश में महाशिवरात्रि के मेले समेत बड़े आयोजन रोक दिए गए हैं। नाइट कर्फ्यू को लेकर भी बातें होने लगी है, लेकिन इसका दूसरा पक्ष ये भी है कि कोरोना काल के दौरान ही विधानसभा के उपचुनाव हुए हैं, कई सभाएं हुई, रोड शो भी हुए हैं।