दमोह में कोरोना की एंट्री बैन...अगर हालात बिगड़ते हैं तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? | Corona's entry ban in Damoh ... If the situation worsens, who will be responsible?

दमोह में कोरोना की एंट्री बैन…अगर हालात बिगड़ते हैं तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

दमोह में कोरोना की एंट्री बैन...अगर हालात बिगड़ते हैं तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : April 9, 2021/5:53 pm IST

भोपाल: दमोह में कोरोना संक्रमण पर उपचुनाव भारी पड़ रहा है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से अब तक कोरोना संक्रमण दोगुना हो गया है। बावजूद इसके आमसभाएं और भीड़ जमा करने का सिलसिला जारी है, रोजाना 25 से 30 संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। एक ओर जहां संक्रमण की चेन को तोड़ने मध्यप्रदेश के सभी शहरों में साठ घंटे का लॉकडाउन लगा दिया है। लेकिन दमोह को इससे बाहर रखा गया है, जिस पर अब सियासत भी गरमाने लगी है। ऐसे में सवाल है कि दमोह शहर में लॉकडाउन न लगाकर जनता की सुरक्षा से खिलवाड़ किया जा रहा है। अगर हालात बिगड़ते हैं तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?

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दमोह सीट के लिए 17 तारीख को विधानसभा उपचुनाव के लिए वोटिंग होना है और इसलिए जब पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लगा है दमोह इससे अछूता है। न यहां की जनता में कोरोना का डर है, न यहां प्रचार कर रहे नेताओं को कोरोना संक्रमण की फिक्र और शायद इसका ही नतीजा है कि दमोह में सोशल डिस्टेंसिंग कोरोना से बचने का कोई पैरामीटर ही नही है। बकायदा राज्य सरकार के आदेश में दमोह को लॉकडाउन से अलग रखने के निर्देश दिए गए हैं। जाहिर है कांग्रेस अब इसे बड़ा मुद्दा बनाने में जुट गई है। कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने ट्वीट किया है कि क्या यह सत्य है कि दमोह छोड़ पूरे प्रदेश में शुक्रवार से 60 घंटे लॉकडाउन की घोषणा की गई है, हर्षवर्धन जी आपकी कथनी और करनी में अंतर क्यो? अगर चुनाव से कोरोना बड़ रहा है तो यह वक्त उपचुनाव क्यों? दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक पी सी शर्मा ने भी चुनाव आयोग से दमोह में लॉकडाउन लगाने की मांग की है।

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प्रदेश सरकार के नए फरमान के मुताबिक हर सप्ताह करीब 60 घंटे तक लॉकडाउन रहेगा लेकिन दमोह में ऐसा नहीं होगा। जरा आंकड़े देखिए दमोह में 1 अप्रैल को 19, 2 अप्रैल को 18, 3 अप्रैल 25, 4 अप्रैल को 23, 5 अप्रैल को 29 मरीज, 6 तारीख को 28 मरीज, 7 तारीख को 30 मरीज और 8 अप्रैल को 30 मरीज मिले हैं। यानि संक्रमित मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। वैसे विपक्ष के आरोपों पर खुद मुख्यमंत्री ने सफाई दी है।

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वैसे कुछ महीने पहले 28 सीटों पर हुए उपचुनाव भी कोरोना संक्रमण के दौरान ही हुए थे। लेकिन इस बार हालात बदले हुए है, कोरोना की दूसरी लहर के कारण संक्रमण तेजी से फैल रहा है जो निश्चित है चिंता का विषय है।

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