कोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार, कहा जामा मस्जिद पाकिस्तान में है क्या? जो वहां नही कर सकते प्रदर्शन.. | Court rebuked the police, said Jama Masjid is in Pakistan? Those who cannot perform there ..

कोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार, कहा जामा मस्जिद पाकिस्तान में है क्या? जो वहां नही कर सकते प्रदर्शन..

कोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार, कहा जामा मस्जिद पाकिस्तान में है क्या? जो वहां नही कर सकते प्रदर्शन..

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:03 PM IST, Published Date : January 14, 2020/12:13 pm IST

दिल्ली। कोर्ट ने भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ कोई सबूत नहीं दिखा पाने को लेकर मंगलवार को दिल्ली पुलिस को फटकार लगा दी। कोर्ट ने कहा कि लोग सड़कों पर इसलिए हैं क्योंकि जो चीजें संसद के अंदर कही जानी चाहिए थी, वे नहीं कही गईं।

ये भी पढ़ें: निर्भया गैंगरेप केस : दोषियों की क्यूरेटिव पिटिशन खारिज, फांसी से ब…

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाऊ ने कहा कि दिल्ली पुलिस ऐसे बर्ताव कर रही है जैसे कि जामा मस्जिद पाकिस्तान है और यदि ऐसा है तो भी कोई भी व्यक्ति वहां शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर सकता है। न्यायाधीश ने कहा कि पाकिस्तान एक समय अविभाजित भारत का हिस्सा था। अदालत की टिप्पणी आजाद की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान आई।

ये भी पढ़ें: सोने-चांदी की कीमतों में आई जबरदस्त गिरावट, जानें आज का नया रेट

बता दें कि आजाद को पुरानी दिल्ली के दरियागंज में सीएए विरोधी प्रदर्शन से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। न्यायाधीश ने कहा, हमें अपना विचार व्यक्त करने का पूरा हक है लेकिन हम देश को नष्ट नहीं कर सकते।’

ये भी पढ़ें: RBI ने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर दी ये बड़ी सुविधा, जानिए इन नियमों को..

अदालत ने पुलिस से उन सारे सबूतों को पेश करने को कहा जो दर्शाते हों कि आजाद जामा मस्जिद में सभा को कथित रूप से भड़काऊ भाषण दे रहे थे। जांच अधिकारी से ऐसा कानून भी बताने को कहा गया जिससे पता चले कि सभा असंवैधानिक थी। अब इस मामले में बुधवार को सुनवाई होगी।

ये भी पढ़ें: किसानों के लिए मोदी सरकार करने जा रही एक और बड़ा ऐलान, सीधे बैंक खातों में पह…

सुनवाई के दौरान पुलिस ने कहा कि उसके पास सबूत के तौर पर बस सभा की ड्रोन तस्वीरें हैं, अन्य कोई रिकार्डिंग नहीं है। इस पर न्यायाधीश ने कहा, ‘क्या आप सोचते हैं कि दिल्ली पुलिस इतनी पिछड़ी है कि उसके पास किसी चीज की रिकार्डिंग करने के यंत्र नहीं हैं?’

ये भी पढ़ें: पति के उड़ गए होश जब पता चला कि बीवी के एक नहीं बल्कि है 6 पति, माम…

अदालत ने कहा कि मुझे कुछ ऐसी चीज या कानून दिखाइए जो ऐसी सभा को रोकता हो… हिंसा कहां हुई? कौन कहता है कि आप प्रदर्शन नहीं कर सकते… क्या आपने संविधान पढ़ा है। प्रदर्शन करना किसी भी व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है। मामले की सुनवाई कर रहे जज ने कहा कि मैंने कई मामले ऐसे देखे हैं जिनमें लोग संसद के बाहर भी प्रदर्शन करते हैं।

ये भी पढ़ें: यूपी में अब इस प्रचलित नाम को बदला गया, योगी कैबिनेट ने दी मंजूरी

गौरतलब है कि 20 दिसंबर को नागरिकता कानून के विरोध में दिल्ली के कई इलाकों में प्रदर्शन हुए थे। दरियागंज में जामा मस्जिद के समाने और इंडिया गेट पर प्रदर्शनकारी एक साथ जुटे थे। जामा मस्जिद के पास भी नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन चल रहा था। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद वहां प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे थे। इस दौरान वहां हिंसा भड़की, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने देर रात जामा मस्जिद से हिरासत में ले लिया था।

 
Flowers