रायपुर। पिछले एक साल में रायपुर जिले में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। राजधानी पुलिस ने जो साल 2018 के अपराध के आंकड़े जारी किए हैं, उससे पता चलता है कि 2017 की तुलना में 9 प्रतिशत अपराध बढ़े हैं। हालांकि हत्या और छेड़छाड़ जैसे मामलों की कमी आई है। लेकिन हत्या के प्रयास के मामले बढ़े हैं। हत्या के प्रयास के मामले 54 से बढ़कर 74 हो गए।
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शहर में बलात्कार के दो सौ मामले दर्ज किए गए, वहीं डकैती के मामलों में नौ गुना बढ़ोतरी हुई है। साल 2017 में सिर्फ एक ही डकैती हुई थी, जबकि 2018 में 9 डकैतियां हुईं। इसी तरह लूट के मामले 63 से बढ़कर 78 हो गए। बलवा के मामले 93 से घटकर 70 पहुंच गए, वहीं धोखाधड़ी के मामले बिलकुल नहीं बढ़े। छेड़छाड़ के मामले 214 से घटकर 189 हो गए।लेकिन सडक हादसों की घटनाएं बढ़ीं। 2017 में कुल 432 सड़क हादसे हुए थे, जिसकी तुलना में 2018 में 436 मामले दर्ज किए गए।
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महिला प्रताडना के मामले 2017 की तरह 2018 में भी 82 ही दर्ज किए गए। जबकि दहेज प्रताड़ना, जुआ, सट्टा और आईटी एक्ट के मामलों में भी पिछली बार की तुलना में कमी आई। राजधानी रायपुर में पीटा एक्ट के मामलों में बढ़ोतरी हुई। 2017 में जहां सेक्स रैकेट के 4 मामले सामने आए थे, वहीं 2018 में ऐसे 12 केस दर्ज किए गए। अपहरण के 421 मामले दर्ज किए गए, वहीं प्रतिबंधात्मक कार्रवाई में चुनावी साल होने के कारण बढ़ोतरी हुई।
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