रायपुर। धान संग्रहण और उपार्जन केंद्र में पड़ा 50 लाख क्विंटल धान और बारदाने की कमी सरकार के लिए धान खरीदी की सबसे बड़ी चुनौती है । बारदाने को कमी से निपटने के लिए सरकार प्लास्टिक के बारदाने की खरीदी का एक टेंडर जारी कर चुकी है दूसरा टेंडर भी जारी करने की तैयारी में है । इधर पिछले कस्टम मिलिंग का भुगतान करे बगैर राइसमिलर्स पर 15 रुपए में बारदाना देने और कस्टम मिलिंग के लिए धान उठाव के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
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वहीं कस्टम मिलिंग का पिछला भुगतान नहीं होने पर इस बार राइसमिलर्स कस्टम मिलिंग के लिए बैंक गारंटी के लिए पैसा जमा नहीं कर पा रहे हैं। राइसमिलर्स का कहना है कि उन्होंने अपने इस समस्या से खाद्य मंत्री और विभाग के अफसरों को अवगत करा दिया है लेकिन इसके बावजूद भी उन पर कस्टम मिलिंग के लिए धान उठाने और 15 रुपए के हिसाब से बारदाना देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
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इस मामले पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का कहना है कि अब तक राइसमिलर्स ने उनकी समस्याओं से उन्हें अवगत नहीं कराया है, अगर कस्टम मिलिंग का पैसा बकाया है तो उसे जल्द से जल्द दिलवाने में उनकी मदद करेंगे । वहीं भाजपा इसके लिए सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहरा रही है ।
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