दलित संगठन का दावा, भेदभाव की दीवार खड़ी करने पर 40 परिवार ने कबूला इस्लाम ! | Dalit organization claims 40 families confessed to Islam after creating a wall of discrimination!

दलित संगठन का दावा, भेदभाव की दीवार खड़ी करने पर 40 परिवार ने कबूला इस्लाम !

दलित संगठन का दावा, भेदभाव की दीवार खड़ी करने पर 40 परिवार ने कबूला इस्लाम !

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:11 PM IST, Published Date : February 15, 2020/9:15 am IST

चेन्नई। तमिलनाडु के कोयम्बटूर जिले में सैकड़ों दलितों ने इस्लाम धर्म अपना लिया है। तमिल पुलीगल काची नाम के एक दलित संगठन के बताए मुताबिक 5 जनवरी के बाद से लगभग 40 परिवारों ने धर्मांतरण किया है और यह प्रक्रिया अभी जारी है। दलितों के अचानक इतनी बड़ी संख्या में मुस्लिम धर्म परिवर्तन के पीछे दीवार ढहने की एक घटना को जिम्मेदार बताया जा रहा है, जिसमें 17 लोगों की जान चली गई थी। इसे ‘जाति की दीवार’ भी कहा जाता था, दरअसल ये दीवार दलित समुदाय और अन्य लोगों के बीच खड़ी की गई थी। दलित ग्रामीणों ने दावा किया कि उनके समुदाय के लोगों को नीचा दिखाने और दलितों को खुद से दूर करने के लिए ये दीवार बनाई गई थी।

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इस्लाम अपनाने वाले दलितों ने अपने शपथपत्र में कहा है कि उनका धर्मांतरण उनकी अपनी इच्छा से हुआ है, न कि किसी के प्रभाव में। शपथपत्र में कहा गया है, ‘पिछले तीन वर्षों से मैं इस्लाम से प्रेरित था और अब मैंने इसके धार्मिक कानूनों और सिद्धांतों के कारण इस धर्म का पालन करने का फैसला किया। यह निर्णय किसी दूसरे कहे-सुने पर नहीं लिया गया।’ इन हलफनामों में कहा किया गया है कि वे इस्लाम को पूरी ईमानदारी से स्वीकार कर रहे हैं और स्वेच्छा से मुस्लिम नामों को अपना रहे हैं।

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दलित संगठन के इस कदम से ग्रामीणों का एक वर्ग नाराज है। दूसरे गुट का दावा हैं कि चंद लोग ही इस दलित संगठन से संबंधित हैं। उन लोगों ने धर्मांतरण किया और अफवाहें फैला रहे हैं कि हजारों लोग परिवर्तित हो रहे हैं।