जगदलपुर। दंतेश्वरी मंदिर में मां के दर्शन के लिए वैसे तो सालभर भक्तों का आना जाना लगा रहता है लेकिन नवरात्र के समय भक्त लाखों की संख्या में यहां पहुंचकर मां का आशिर्वाद लेते है। दंतेश्वरी मंदिर के बारे में कहा जाता है की मंदिर का निर्माण सन 1880 वारंगल राजाओं ने करवाया था। वारंगल वशं इन्हे अपनी कुलदेवी मानता था। वैसे स्थानीय पंडितों के अनुसार पहले बस्तर की इस्ट देवी मावली माता थी। यही कारण है की दशहरे के समय मावली परघाव किया जाता है।
लकड़ी के 24 खंबों पर खड़ा है ये खास मंदिर
दंतेश्वरी मंदिर में लगे लगे 24 खंबे दिखने में सीमेंट या चूना पत्थर के लगने वाले ये खंबे दरअसल में लकड़ी के है। जिन पर ओडिशा के लोककलाकारों ने आकर्षक नक्काशी की है। वहीं बात करें माता मंदिर मे विराजित मूर्ति की तो यह संगमरमर से निर्मित यह सिंहवाहिनी मूर्ति के दर्शन अपने आप में एक आनोखा अहसास दिलाती है। साथ ही लकड़ी से बनी भगवान विष्णु की प्रतिमा भी आस्था का प्रमुख केंद्र है।