मौत के आंकड़े और सवाल...छत्तीसगढ़ में छिपाए जा रहे मौत के आंकड़े? | Death figures and questions... Death figures being hidden in Chhattisgarh?

मौत के आंकड़े और सवाल…छत्तीसगढ़ में छिपाए जा रहे मौत के आंकड़े?

मौत के आंकड़े और सवाल...छत्तीसगढ़ में छिपाए जा रहे मौत के आंकड़े?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:47 PM IST, Published Date : June 1, 2021/6:12 pm IST

रायपुर: वैक्सीनेशन पर मचे बवाल के बाद कोरोना से हो रही मौत पर सियासत हो रही है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वो मौत के आंकड़े छिपा रही है। रमन सिंह ने ट्वीट कर निशाना साधा कि स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के आंकड़ों में बड़ा फर्क है। पूर्व मुख्यमंत्री के दावों पर सत्ता रूढ़ कांग्रेस ने पलटवार करते हुए बीजपी पर मौत पर राजनीति करने का आरोप लगाया। लेकिन सवाल ये है कि रमन सिंह के आरोपों में कितनी सच्चाई है? क्या छत्तीसगढ़ में छिपाए जा रहे मौत के आंकड़े? सवाल ये भी कि आखिर मौत के आंकड़ों पर कौन बोल रहा है झूठ?

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कोरोना काल के दौरान मुक्तिधामों में जलती इन चिताओं ने छत्तीसगढ़ की सियासत में कुछ ज्यादा ही गर्मी पैदा कर दी है। मौत के आंकड़ों को लेकर इस बार पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, उन्होंने दावा किया है कि कोरोना से होने वाली मौत को लेकर जो आंकड़े सरकार जारी कर रही है वो गलत हैं। रमन सिंह ने राज्य सरकार को घेरते हुए ट्वीट करते हुए कहा कि राहुल गांधी जी आपके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश की जनता के साथ आपसे भी झूठ बोल रहे हैं, गुमराह कर रहे हैं। कोरोना से मौत के किस तरह से आंकड़े कांग्रेस सरकार छुपा रही है देखिए, सिर्फ रायपुर में ही आंकड़ों में इतना हेरफेर तो फिर पूरे छत्तीसगढ़ की स्थिति कितनी भयावह होगी? रमन सिंह के मुताबिक प्रदेश में कोरोना से पीड़ित व्यक्तियों और मृत्यु प्रमाण पत्र के आंकड़ें अलग-अलग हैं।

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रमन सिंह ने ट्वीट कर राज्य सरकार पर कोरोना से मौत के आंकड़ों में हेराफेरी करने का आरोप लगाया तो, सत्ता पक्ष की तरफ से मंत्री मोहम्मद अकबर ने  जवाब दिया कि मौत के आंकड़ों को छिपाने जैसी कोई कोई बात नहीं है। क्योंकि जिनके यहां डेथ होगी वो मृत्यु प्रमाण पत्र जरूर लेता है। अकबर ने बीजेपी पर बेवजह राजनीति करने की बात कही।

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स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मई महीने में कोरोना से 693 लोगों ने अपनी जान गंवाई, लेकिन नगर निगम में करीब 3 हजार 972 मौत का डेथ सर्टिफिकेट जारी किया है। दोनों के आंकड़ों में 32 सौ से ज्यादा का अंतर है। इन आंकड़ों की तुलना पिछले साल से करें तो 12 महीनों में नगर निगम ने 9482 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए हैं। जबकि इस साल मई महीने तक 7 हजार 709 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं। वहीं 2020 में शुरुआती पांच महीने में 2844 मौंते दर्ज की गई थी, जबकि 2021 में मई महीने ये आंकड़ा 4 हजार 865 से ज्यादा हैं। 

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गौर करने वाली बात ये है कि ये आंकड़ा श्मशान घाट, कब्रिस्तान और अस्पतालों का है, जिनका रिकार्ड नगर निगम में दर्ज किया जाता है। गांव और शहर से लगे इलाकों में होने वाले आंकड़े इसमें दर्ज ही नहीं है। बहरहाल कोरोना से मौत के आंकड़ों पर दोनों पक्षों का अपना-अपना दावा है, लेकिन इन सबके बीच सवाल ये है कि सच्चाई क्या है?

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