पहाड़ियों से 'आप' का मोहभंग, एक भी पहाड़ी उम्मीदवार को नहीं उतारा चुनावी मैदन में, मनीष सिसोदिया की बढ़ सकती है मुश्किलें | delhi assembly election 2020 aam aadmi party did not make a single hilly candidate

पहाड़ियों से ‘आप’ का मोहभंग, एक भी पहाड़ी उम्मीदवार को नहीं उतारा चुनावी मैदन में, मनीष सिसोदिया की बढ़ सकती है मुश्किलें

पहाड़ियों से 'आप' का मोहभंग, एक भी पहाड़ी उम्मीदवार को नहीं उतारा चुनावी मैदन में, मनीष सिसोदिया की बढ़ सकती है मुश्किलें

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:57 PM IST, Published Date : January 22, 2020/4:38 am IST

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में इन दिनों विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। धीरे-धीरे सभी राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। वहीं, सत्तधारी पार्टी ‘आप’ ने भी अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है। लेकिन ​हैरान करने वाली बात यह है कि इस बार आम आदमी पार्टी ने एक भी पहाड़ी प्रदेश के रहने वालों को टिकट नहीं दिया है, जबकि दिल्ली में 12 से अधिक सीटों पर पहाड़ी मतादाताओं की संख्या 20 लाख से अधिक है। पहाड़ियों को नजरअंदाज करना ‘आप’ भारी भी पड़ सकता है।

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दरअसल 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में 12 सीटें ऐसी हैं, जहां 20 लाख से ज्यादा पहाड़ी क्षेत्रों के मतदाता रहते हैं। लेकिन इन 12 विधानसभा सीट ही नहीं, बल्कि पूरे 70 सीटों में एक भी पहाड़ी उम्मीदवारों को नहीं उतारा है। ऐसे में पटपड़गंज इलाके से तीसरी बार किस्मत आजमा रहे दिल्ली में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को नाराजगी झेली पड़ सकती है। मनीष सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र पटपड़गंज में 24 फीसद मतदाता पहाड़ के रहने वाले हैं। यहां से कांग्रेस ने लक्ष्मण रावत और भाजपा ने रवि नेगी को बतौर प्रत्याशी उतारा है। बता दें कि मतदाताओं की संख्या के आधार पर भाजपा व कांग्रेस ने प्रत्याशी चुने हैं। लक्ष्मण रावत कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं, जबकि रवि नेगी विनोद नगर से पार्षद रहे हैं।

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वहीं, बात पहाड़ी मतदाता बाहुल्य क्षेत्र बदरपुर, उत्तम नगर, लक्ष्मीनगर की करें तो इन क्षेत्रों में भी आम आदमी पार्टी ने पहाड़ी उम्मीदवारों को नजरअंदाज किया है। खबर यह भी मिल रही है कि पहाड़ियों के नजरअंदाज किए जाने का फायदा अब भाजपा और कांग्रेस को मिल सकता है।

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