कर्जमाफी के बाद कर्मचारियों के नियमितिकरण की मांग तेज,संगठनों ने कहा-वादा पूरा करे सरकार | Demand for regularization of staff after debt waiver

कर्जमाफी के बाद कर्मचारियों के नियमितिकरण की मांग तेज,संगठनों ने कहा-वादा पूरा करे सरकार

कर्जमाफी के बाद कर्मचारियों के नियमितिकरण की मांग तेज,संगठनों ने कहा-वादा पूरा करे सरकार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:28 PM IST, Published Date : January 11, 2019/8:29 am IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में लाखों अनियमित कर्मचारियों की नियमितिकरण की मांग फिर तेज हो गई है। कर्मचारियों ने कांग्रेस सरकार पर अनदेखी का आरोप लगया है। उनके मुताबिक कांग्रेस की सरकार बने एक महीने बीत चुके हैं, सरकार ने किसानों के कर्जमाफी व धान के समर्थन मूल्य को बढ़ाने की घोषणा तो कर दी। लेकिन नियमितिकरण को लेकर कार्रवाई नहीं की जा रही है। जबकि इन्होंने ने भी पिछले साल जुलाई के महीने में 23 दिन की लाखेनगर मैदान में हड़ताल किया था। उस दौरान कई संगठनों ने मंच पर आकर सहमति दी थी।

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हौसला बढ़ाने कांग्रेस के नेता और विधायक भी पहुंचे थे। जन घोषणा पत्र के छत्तीसगढ़ में काम कर रहे दैनिक वेतनभोगी, संविदा, आउटसोर्सिंग और अनियमित कर्मचारियों के नियमितिकरण का वादा भी किया था। कांग्रेस के जनघोषणा पत्र के प्रतिनिधियों ने हमारे 1 लाख से ज्यादा कर्मचारियों से कहा था कि कर्मचारी हमें वोट करें उनकी मांगें पूरी कर हम उन्हें और उनके परिवार को राहत देंगे। अब छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ का कहना है कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता की बैठक में यह मुद्दा आया था लेकिन आगे की कार्रवाई नहीं की जा रही है।

कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

  1. छत्तीसगढ़ शासन के अंतर्गत समस्त विभागों के अनियमित (संविदा, दैनिक वेतन भोगी, केन्द्र व राज्य की योजनाओ मे कार्यरत, कलेक्टर दर, मानदेय पर कार्यरत, प्लेसमेन्ट, अंशकालिक, स्थानीय प्रशासनिक सेवाओं में कार्यरत) शासकीयध्अर्धशासकीय कार्यालयों के कर्मचारी-अधिकारियों को नियमित किया जाए।
  2. 2. विगत 2-3 वर्षों से जिन योजनाओं आबंटन शासन से विभागों में लिया जा रहा हो किन्तु कर्मचारियों को सेवा से पृथक किया गया हो अथवा छटनी कि गई हो उन्हें सेवा में बहाल किया जाए।
  3. 3. तत्काल प्रत्येक वर्ष प्रशासकीय स्वीकृति और बजट के नाम पर सेवावृद्धि एवं सेवा से पृथक किये जाने का भय समाप्त कर 62 वर्ष कि आयु तक वृत्ति सुरक्षा प्रदान की जाए।
  4.  शासकीय सेवाओं में आउट सोर्सिंगध्ठेका प्रथा को पुर्णतः समाप्त किया जावे और वर्तमान में कार्यरत हों, उन्हें शासकीय सेवक का दर्जा दिया जाए तथा “सामान कार्य समान वेतन” लागू किया जाए

 
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