बलात्कारी डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दो मामलों में 20 साल की कैद | Dera chief Ram Rahim gets 10 years sentence in Sadhvi rape case

बलात्कारी डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दो मामलों में 20 साल की कैद

बलात्कारी डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दो मामलों में 20 साल की कैद

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : August 28, 2017/9:59 am IST

CBI की विशेष अदालत की ओर से डेरा प्रमुख राम रहीम को सुनाई गई दस-दस साल की दो सजा के बाद अब वो हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है। हाईकोर्ट में अपील के लिए उसके पास दो महीने का समय है, लेकिन इसमें वो कोई देरी नहीं करना चाहता। माना जा रहा है कि इसी हफ्ते उसकी अपील पर सुनवाई भी हो जाएगी। खास बात ये है कि हाईकोर्ट में राम रहीम की ओर से पैरवी भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे करेंगे।

हालांकि राम रहीम की राह इसलिए आसान नहीं है, क्योंकि आमतौर पर अदालत 10 साल की सजा की स्थिति में सजा का एक तिहाई हिस्सा काटने के बाद ही अपील पर सुनवाई करता है। सूत्रों का कहना है कि डेरा प्रमुख ने हाईकोर्ट में अपील दायर करने की तैयारी उसी दिन कर ली थी, जब CBI की पंचकूला कोर्ट ने उसे दोषी करार दिया था। दो साध्वियों से यौन शोषण को लेकर 10-10 साल यानी 20 साल की सजा पाने वाले राम रहीम के खिलाफ केस की कुल दो सौ सुनवाई हुई। साथ ही 62 याचिकाएं लगाई गईं। पूरे मामले में इंसाफ तक पहुंचने के लिए कुल 37 गवाहों के बयान दर्ज किए गए।

 

चंडीगढ़ के रोहतक में सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज जगदीप सिंह ने दुष्कर्म के दोषी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को 20 साल की सजा सुनाई. गुरमीत को धारा 376…511…506 में दोषी ठहराया गया था. अभियोजन पक्ष ने कोर्ट से उम्रकैद की मांग की थी जबकि बचाव पक्ष ने गुरमीत के सामाजिक कार्यो का हवाला देते हुए सजा में रहम करने की मांग की थी.

 

आरोपी का नाम – गुरमीत राम रहीम सिंह 

आरोप- साध्वी से यौन शोषण,जान से मारने की धमकी

फैसला- 25 अगस्त 2017 गुरमीत सिंह धारा 376, 511…506…में दोषी करार

सजा- दो मामलों में 20 साल बामुशक्कत कैद,65 हजार का जुर्माना

 

जीहां भगवान के घर देर है अंधेर नहीं खुद को मैंसेजर ऑफ गॉड कहने वाला महलों का ठग अब सलाखों के पीछे पहुंच गया है और अब बाबा गुरमीत राम-रहीम का नया नाम है कैदी नंबर 1997 .दरअसल ये पूरा मामला वर्ष 2002 का है जब एक साध्वी ने गुमनाम पत्र भेजकर गुरमीत सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. जिस पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सीबीआई को जांच सौंप दी थी. 15 वर्षो तक चली ट्रायल के बाद 25 अगस्त को गुरमीत को दोषी करार दिया गया. एक अन्य मामले में भी गुरमीत दोषी करार दिया गया.

इस दौरान राम-रहीम के सर्मथकों ने ढाई दर्जन से ज्यादा निर्दोष लोगों की जान ले ली. बावजूद इसके कोर्ट ने गुरमीत राम-रहीम को उसके असली मुकाम तक पहुंचा दिया है. 25 अगस्त को दोषी ठहराए जाने के बाद गुरमीत के सर्मथकों ने जमकर बवाल किया था. जिस पर हाईकोर्ट ने खट्टर सरकार को फटकार भी लगाई थी. पर तमाम इंतजामों के बाद एक बार फिर राज्य सरकार की नाकामी सामने आई. चप्पे चप्पे पर पुलिस और सेना की तैनाती के बाद भी बाबा समर्थकों ने जमकर उपद्रव मचाया और कई वाहन फूंक दिए.

इस बीच सीएम आवास और कई कार्यालयों की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. पंजाब के 4 जिलों में कर्फ्यू लगाया गया. वहीं सुरक्षा मोर्चा संभाले जवानों को संदिग्ध परिस्थिति पर असामाजिक तत्वों को देखेते ही गोली मारने के आदेश जारी किए गए थे. सजा के मद्देनजर रोहतक और सिरसा सेनाकी निगरानी में रहा. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जेल परिसर में ही अदालत लगाकर सजा सुनाई गई.

इस दौरान दूसरों को कष्टों से मुक्ति दिलाने वाला कथित बाबा रहम की भीख मांगता रहा. उसके आंखों से आंसू नहीं थम रहे थे. पर सीबीआई कोर्ट के जज जगदीप सिंह ने गुरमीत राम-रहीम सिंह को दुष्कर्म के दो मामलो 10-10 सालों के लिए सश्रम कारावास की सजा सुनाई और उम्मीद से विपरीत दोनों सजाए साथ-साथ नहीं बल्कि एक सजा पूरी हो जाने केबाद दूसरी सजा शुरु होगी यानि बाबा 20 वर्षो तक अपने गुनाहों का पश्चाताप करेगें.