रायपुर। सुकमा एसपी के तबादले के बाद उनके फेसबुक पोस्ट से छिड़े विवाद के पश्चात अब डीजीपी डीएम अवस्थी ने सभी पुलिस अधिकारियों के लिए एक चेतावनीभरा आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि मीडिया-सोशल मीडिया में किसी प्रकार का प्रशासनिक पत्राचार व जनप्रतिनिधियों से कोई भी पत्राचार करते समये निर्धारित प्रशासनिक व्यवस्था का खास ध्यान रखें।
परिपत्र में अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 का हवाला देते हुए कहा गया है कि केंद्र या राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना करते किसी भी प्रकार का दस्तावेज प्रस्तुत करना प्रतिबंधित है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से वर्ष 2017 में जारी किेए गए पत्र का हवाला देते हुए प्रावधान का उल्लंघन करने पर अनुशासनात्मक के साथ-साथ दंडात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।
बता दें कि सुकमा जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने एसपी जितेंद्र शुक्ला को एक टीआई के तबादले के लिए पत्र लिखा था। एसपी जितेंद्र शुक्ला ने लखमा को जवाबी पत्र में कहा कि जिले की कानून व्यवस्था उनकी जिम्मेदारी है और अधीनस्थ कर्मियों का तबादला कहां करना है, यह एसपी का विशेषाधिकार भी है। एसपी जितेंद्र शुक्ला ने अपने पत्र में टीआई के तबादले से भी साफ मना कर दिया।
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बताया जा रहा है कि इससे नाराज प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से की। इसके बाद एसपी का तबादला पुलिस मुख्यालय कर दिया गया। वहीं इस बारे में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि एसपी ने प्रभारी मंत्री को पत्र लिखा, जो उनका अधिकार नहीं है। इसी वजह से उन्हें हटाया गया है। तबादले के बाद एसपी जितेंद्र शुक्ला ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर सरकार के इस फैसले को, ‘अप्रत्याशित और अवांछित’ बताया था।