परीक्षा पे चर्चा: जब मोदी सर की क्लास में छात्रों ने पूछे प्रश्न, पीएम ने कहा 'भारत का बच्चा सुपर पॉलिटिशियन होता है' | Discussion on exam: When students asked questions in Modi sir's class, PM said 'India's child is super politician'

परीक्षा पे चर्चा: जब मोदी सर की क्लास में छात्रों ने पूछे प्रश्न, पीएम ने कहा ‘भारत का बच्चा सुपर पॉलिटिशियन होता है’

परीक्षा पे चर्चा: जब मोदी सर की क्लास में छात्रों ने पूछे प्रश्न, पीएम ने कहा 'भारत का बच्चा सुपर पॉलिटिशियन होता है'

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:48 PM IST, Published Date : January 20, 2020/9:58 am IST

नई दिल्ली। परीक्षा पे पर्चा कार्यक्रम में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में छात्रों के कई सवालों को जवाब दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने बच्चों से परीक्षा के तनाव को दूर रखने, तकनीक का सही उपयोग करने, शिक्षा का महत्व जैसे विषयों पर चर्चा की।

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परीक्षा पे चर्चा के तीसरे संस्करण में पीएम मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, ‘फिर एक बार आपका यह दोस्त आपके बीच में है, सबसे पहले मैं आपको नववर्ष 2020 की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं’। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगा आपके माता-पिता का बोझ थोड़ा हल्का करना चाहिए, छात्रों से संवाद करके मुझे बहुत आनंद आता है, यह कार्यक्रम दिल को छू लेने वाला है’।

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘2020 सिर्फ नया वर्ष नहीं है, यह नया दशक भी है, यह दशक आपके लिए जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही देश के लिए भी महत्वपूर्ण है, इस दशक में देश जो भी करेगा, उसमें इस समय जो 10वीं, 12वीं के विद्यार्थी हैं, उनका बहुत योगदान रहेगा’। उन्होने कहा, ‘हम विफलताओं से भी सफलता की शिक्षा पा सकते हैं, हर प्रयास में हम उत्साह भर सकते हैं और किसी चीज में आप विफल हो गए तो उसका मतलब है कि अब आप सफलता की ओर चल पड़े हो।’

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उन्होंने कहा, ‘जाने अनजाने में हम उस दिशा में चल पड़े हैं जहां सफलता-विफलता का मुख्य बिंदु कुछ विशेष परीक्षाओं में हासिल किए गए मार्क्स बन गए हैं, इसकी वजह से मन में यही रहता है कि एक बार मार्क्स ले आऊं बाकी सब बाद में करूंगा, केवल परीक्षा के अंक ही जिंदगी नहीं हैं, कोई एक परीक्षा पूरी जिंदगी नहीं है, ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, लेकिन यही सब कुछ है, ऐसा नहीं मानना चाहिए।’

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उन्होंने कहा, ‘आप सब रात को जाग रहे थे, चंद्रयान को भेजने में कोई योगदान नहीं था लेकिन आप मन लगाकर बैठे थे कि जैसे आपने ही किया हो, जब नहीं हुआ तो पूरा देश निराश हो गया था, कभी-कभी विफलता हमको ऐसा कर देती है, उस दिन मैं भी वहां मौजूद था।’ पीएम मोदी ने कहा, मैं आपको सीक्रेट बताता हूं कि कुछ लोगों ने मुझसे कहा था कि आपको इस कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए, इसमें गारंटी नहीं है, आप जाएंगे और फेल हो गए तो क्या करोगे, लेकिन मैं वहां गया। पीएम मोदी ने कहा, कि जब लास्ट कुछ मिनट थे मैं देख रहा था वैज्ञानिकों के चेहरों पर बदलाव दिख रहा है।

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पीएम मोदी ने कहा कि उस रात वह होटल जाकर सो नहीं सके और उन्होंने सुबह ही वैज्ञानिकों से मिलने का फैसला किया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैंने वैज्ञानिकों को इकट्ठा किया, मैंने अपनी बात कही, उनके परिश्रम को जितनी सराहना की जा सकती थी किया।सराहा, एक पूरा माहौल बदल गया, पूरे देश का माहौल बदल गया। बाद में क्या हुआ आपने टीवी पर देखा है।’

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पीएम मोदी ने कहा, ‘तकनीक को अपना दोस्त बनाएं, विज्ञान और तकनीक जीवन में बड़ा महत्व है लेकिन स्मार्टफोन से ज्यादा वक्त आप अपने परिवार के साथ गुजारें। स्मार्ट फोन जितना आपका समय चोरी करता है, उसमें से 10 प्रतिशत कम करके आप अपने मां, बाप, दादा, दादी के साथ बिताएं, तकनीक हमें खींचकर ले जाए, उससे हमें बचकर रहना होगा। हमारे अंदर यह भावना होनी चाहिए कि मैं तकनीक को अपनी मर्जी से इस्तेमाल करूंगा।’ उन्होंने कहा, ‘तकनीक का जिंदगी में अहम स्थान है लेकिन इसका गुलाम नहीं बनना चाहिए, दिन में एक या दो घंटा ऐसे निकालिए जब आप तकनीक से दूर रहें’ घर में एक कमरा ऐसा हो जहां तकनीक की एंट्री बंद हो।’

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पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं मां-बाप से कहूंगा कि बच्चे जिनके साथ सहज होते हैं उन्हें कहें कि वे समय निकाल कर घर पर आएं, धीरे से बच्चे को उसके पास छोड़ दूर चले जाएं, बच्चे उनसे खुलकर बात करें ये बातें वह शख्स माता-पिता को बता दें कि बच्चे के मन में चल रहा है, यह मैकेनिज्म बन जाए तो, पहले यह मैकेनिज्म था, पहले संयुक्त परिवार होते थे और भारत का बच्चा सुपर पोलिटिशियन होता है, उसको मालूम है कि पापा मना करेंगे तो दादी के पास जाएगा, मां मना करेगी तो पापा के पास जाएगा। उसको मालूम है किसके पास किस काम के लिए जाना है, यह क्षमता उसमें आ जाती है, बच्चे को जानना जरूरी है उसकी ताकत को पहचानों’

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प्रधानमंत्री ने कहा,’हमारे यहां ऐसा माना गया है कि सुबह बहुत ही उत्तम कालखंड होता है और सुबह अध्ययन किया जाए ज्यादा अच्छा रहता है. जरूरी नहीं है कि हमें रात में पढ़ना है या सुबह पढ़ना सभी की विशेषताएं होती हैं. आप को जब सहूलियत लगे उस समय पढ़ें’। पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं किसी परिजन पर कोई दवाब नहीं डालना चाहता, और न किसी बच्चे को बिगाड़ना चाहता हूं, जैसे स्टील के स्प्रिंग को ज्यादा खींचने पर वो तार बन जाता है, उसी तरह मां-बाप, अध्यापकों को भी सोचना चाहिए कि बच्चे कि क्षमता कितनी है।’

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यह कार्यक्रम इस उद्देश्य से शुरू किया गया था कि छात्र तनावमुक्त होकर परीक्षा दे सकें, परीक्षा पे चर्चा का पहला संस्करण 16 फरवरी, 2018 को आयोजित हुआ था और इसका दूसरा संस्करण 29 जनवरी, 2019 को हुआ था, पीएम मोदी ने कहा, ‘अगर आप बोझ लेकर परीक्षा हॉल में गए हैं तो सारे प्रयोग बेकार जाते हैं, आपको आत्म विश्वास लेकर जाना है, परीक्षा को कभी जिंदगी में बोझ नहीं बनने देना है, आत्मविश्वास बहुत बड़ी चीज है।’

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पीएम मोदी ने कहा, ‘विद्यार्थी कोई कालखंड के लिए नहीं होता, हमें जीवन भर अपने भीतर के विद्यार्थी को जीवित रखना चाहिए, जिंदगी जीने का यही उत्तम मार्ग है, नया-नया सीखना, नया-नया जानना।’

 

 
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