मोबाइल के लिए ई-सिम को मंजूरी, जानिए क्या होंगे आपको फायदे | DoT Approves eSIM :

मोबाइल के लिए ई-सिम को मंजूरी, जानिए क्या होंगे आपको फायदे

मोबाइल के लिए ई-सिम को मंजूरी, जानिए क्या होंगे आपको फायदे

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : May 18, 2018/10:41 am IST

नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग (डॉट) ने इंबेडेड सिम (ई-सिम) के प्रयोग को मंजूरी देते हुए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इससे अब मोबाइल यूजर्स को नया कनेक्शन लेने के लिए फिजिकल सिम खरीदने की जरुरत नहीं पड़ेगी। जब कोई यूजर नया कनेक्शन लेना चाहेग या एमएनपी का उपयोग कर अपनी सेवा प्रदाता कंपनी बदलना चाहेगा तो उसके स्मार्टफोन या स्मार्ट डिवाइस में इंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल यानी ई-सिम डाल दी जाएगी।

इस ई-सिम में उस यूजर के उपयोग किए जा रहे सभी सेवा प्रदाताओं की सूचनाएं अपडेट कर दी जाएंगी। अभी इस तकनीक का प्रयोग रिलायंस जियो और एयरटेल एपल वॉच के माध्यम से किया जा जा रहा है।

यह भी पढ़ें : आ रहा है चक्रवाती तूफान ‘सागर’, मौसम विभाग ने इन राज्यों को किया अलर्ट

 

दूरसंचार विभाग के नए निर्देशों के अनुसार प्रत्येक मोबाइल यूजर अधिकतम 18 सिम का प्रयोग कर सकता है। यानि एक आदमी के नाम पर 18 से ज्यादा सिम नहीं हो सकते। इसमें 9 सिम मोबाइल के लिए हो सकते हैं और 9 सिम मशीन-टू-मशीन के लिए। जैसे कि डोंगल या स्मार्ट वॉच आदि।

क्या है ई-सिम

ई-सिम को इंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल कहा जाता है। बता दें कि यह तकनीक सॉफ्टवेयर के माध्यम से काम करती है। अभी इसे स्मार्टवॉच में इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तकनीक को अब स्मार्टफोन पर लाया जाएगा, जिससे यूजर्स को सिर्फ सॉफ्टवेयर के जरिए टेलीकॉम सेवाएं मिल सकेंगी। साथ ही एक ऑपरेटर से दूसरे ऑपरेटर में बदलने में भी आसानी होगी।

ये होंगे फायदे

इस तकनीक के प्रयोग में आने के बाद स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ बढ़ जाएगी। फिजिकल सिम के मुकाबले ई-सिम वाले स्मार्टफोन की बैटरी की खपत कम होगी। वहीं सिम पोर्ट करने लिए अभी 7 दिन का इंतजार करना पड़ता है जो ई-सिम में नहीं करना पड़ेगा। स्मार्टफोन में सिम कार्ड के स्लॉट की भी जरूरत नहीं होगी।

यह भी पढ़ें : पेड न्यूज केस में नरोत्तम मिश्रा को राहत, नहीं जाएगी कुर्सी

 

सबसे पहले इस तकनीक का इस्तेमाल स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी सैमसंग ने 2016 में लांच किए गए स्मार्टवाच सैमसंग गियर 2 में किया था। इसके बाद एपल वॉच 3 में भी इस तकनीक का इस्तेमाल हुआ।

वेब डेस्क, IBC24