गर्भवती पत्नी को परीक्षा दिलाने चलाई 1,176 किलोमीटर स्कूटी, पत्नी को शिक्षक बनाना चाहता है दसवीं पास धनंजय मांझी | Drove 1,176 km scooty Tenth pass youth wife wants to make Teacher

गर्भवती पत्नी को परीक्षा दिलाने चलाई 1,176 किलोमीटर स्कूटी, पत्नी को शिक्षक बनाना चाहता है दसवीं पास धनंजय मांझी

गर्भवती पत्नी को परीक्षा दिलाने चलाई 1,176 किलोमीटर स्कूटी, पत्नी को शिक्षक बनाना चाहता है दसवीं पास धनंजय मांझी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:57 PM IST, Published Date : September 3, 2020/9:36 am IST

ग्वालियर। पत्नी की याद में पहाड़ चीर कर रास्ता बनाने वाले बिहार के गया जिले के दशरथ मांझी को कौन नहीं जानता, कुछ उन्हीं की तरह झारखंड के मांझी समाज के धनंजय कुमार अपनी गर्भवती पत्नी सोनी हेम्बरम को डिलेड (Diploma in Elementary Education (D.El.Ed.)की द्वितीय वर्ष की परीक्षा दिलाने के लिए स्कूटी से ग्वालियर के पद्मा कन्या विद्यालय पहुंच गए। धनंजय ने करीब 1,176 किमी स्कूटी चलाई और झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश के विभिन्न पहाड़ी-मैदानी रास्तों को पार करते हुए मध्यप्रदेश के ग्वालियर पहुंचे।

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धनंजय झारखंड के गोड्डा जिले के गांव गन्टा टोला के रहने वाले हैं। गोड्डा जिला बांग्लादेश की सीमा से बमुश्किल 150 किलोमीटर दूर है। धनंजय ने करीब 1,176 किमी स्कूटी चलाई और झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश के विभिन्न पहाड़ी-मैदानी रास्तों को पार करते हुए मध्यप्रदेश के ग्वालियर पहुंचे। दंपती ने ग्वालियर में ठहरने के लिए दीनदयाल नगर में 1,500 रुपये में 10 दिन के लिए कमरा किराए पर लिया है। 11 सितंबर को परीक्षाएं संपन्न होने के बाद यह दंपती वापस स्कूटी से ही झारखंड के लिए रवाना होंगे।

धनंजय ने बताया कि उन्हें दोपहिया वाहन से इतना लंबा सफर करने से बहुत लोगों ने मना किया, काफी हद तक वे सही भी थे। रास्ते में तेज बारिश होने पर हम एक पेड़ के नीचे दो घंटे तक खड़े रहे। बिहार के भागलपुर से गुजरते समय बाढ़ का सामना करना पड़ा। विभिन्न शहर व गांवों की बदहाल सड़कों से गुजरे। गड्ढों के कारण काफी परेशानी हुई। मुजफ्फरपुर में एक रात लॉज में और लखनऊ में एक रात टोल टैक्स बैरियर पर भी रुके।

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धनंजय कैंटीन में खाना बनाने (बावर्ची) का काम करते थे, बीते तीन माह से बेरोजगार हैं। स्कूटी में पेट्रोल भरवाने के लिए धनंजय ने अपनी पत्नी के जेवर 10 हजार रुपये में गिरवी रखे हैं, जिसके लिए मासिक 300 रुपये का ब्याज भी चुकाना होगा।

धनंजय खुद 10वीं पास भी नहीं हैं, लेकिन वे अपनी पत्नी को शिक्षक बनाना चाहते हैं। धनंजय की पत्नी फिलहाल डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (Diploma in Elementary Education (D.El.Ed.) द्वितीय वर्ष की परीक्षा दे रही हैं। धनंजय के मुताबिक हर पति-पत्नी की तरह नोकझोंक व झगड़ा होता है, लेकिन बातचीत करने पर सभी शिकायतें खत्म हो जाती हैं। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) द्वारा डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन की परीक्षाएं एक सितंबर से 11 सितंबर तक आयोजित की जा रही हैं। ग्वालियर में कुल 23 केंद्रों में परीक्षा देने के लिए 10 हजार 680 विद्यार्थी पंजीकृत हैं।

 
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