सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने में चुनाव आयोग सक्षम, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने संगोष्ठी में रखे अपने विचार | EC to enable the prevention of misuse of social media Former Chief Election Commissioner, in his seminar

सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने में चुनाव आयोग सक्षम, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने संगोष्ठी में रखे अपने विचार

सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने में चुनाव आयोग सक्षम, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने संगोष्ठी में रखे अपने विचार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:16 PM IST, Published Date : April 8, 2019/1:27 pm IST

नई दिल्ली। सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने में चुनाव आयोग सक्षम है। ये कहना है के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी का। ”बेलगाम सोशल मीडिया और चुनाव” विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी में कुरैशी ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था में ही इसे नियंत्रित किया जा सकता है। कुरैशी ने उदाहरण देते हुए कहा कि सोशल मीडिया भी मीडिया की ही श्रेणी में आता है, जिस प्रकार निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान चुनाव आयोग के पास मीडिया के नियंत्रण के लिये नियम कानून हैं, उसी प्रकार सोशल मीडिया को भी इन्हीं नियमों के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। इसलिये सोशल मीडिया पर नियंत्रण के लिये अलग से कानून बनाने की कोई जरूरत नहीं है।

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संगोष्ठी में कुरैशी ने पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया के बढ़ते दखल के कारण हालातों में आये बदलाव का हवाला देते हुये कहा कि पहले सोशल मीडिया कंपनियां सरकार से बात ही नहीं करती थीं अब इन कंपनियों ने स्वयं ‘कोड ऑफ एथिक्स’ खुद पर लागू किया है। आयोग ने भी अपने दिशा निर्देशों में राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से सोशल मीडिया अकांउट की जानकारी, सोशल मीडिया पर खर्च का ब्यौरा और प्रचार सामग्री के पूर्व प्रमाणन की शर्तों को लागू किया है।

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संगोष्ठी में वरिष्ठ वकील और कांग्रेस की लीगल सेल के सचिव के सी मित्तल, चुनाव आयोग के पूर्व विधिक सलाहकार एस के मेहदीरत्ता और वकील विराग गुप्ता भी मौजूद थे। विराग गुप्ता ने सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा खुद पर लागू की गयी आचार संहिता की प्रमाणिकता पर सवाल उठाते हुये कहा कि आयोग को सौंपे गये ‘कोड ऑफ एथिक्स’ पर किसी कंपनी के प्रतिनिधि के हस्ताक्षर भी नहीं हैं।

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पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने मतदान से 48 घंटे पहले चुनावी शोर थमने के दौरान सोशल मीडिया पर भी प्रचार को प्रतिबंधित करने सहित अन्य पहल को अच्छी शुरुआत बताया। उन्होंने कहा कि चुनाव में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिये आयोग को दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ आगे बढ़ना चाहिये। इस दौरान मेहदीरत्ता ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिये चुनाव आयोग को कानूनी रूप से और अधिक अधिकार दिए जाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यवस्था में आयोग सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिये दिशा-निर्देश तो बना सकता है लेकिन इन्हें लागू करने में असमर्थ साबित होता है।