एक कदम स्वच्छता की ओर.. प्रदेशवासी समझ रहे जिम्मेदारी, लेकिन रायपुर.. | ek kadam Swachhata ki or Chhattisgarh peoples are understanding responsibility

एक कदम स्वच्छता की ओर.. प्रदेशवासी समझ रहे जिम्मेदारी, लेकिन रायपुर..

एक कदम स्वच्छता की ओर.. प्रदेशवासी समझ रहे जिम्मेदारी, लेकिन रायपुर..

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : November 24, 2020/2:09 am IST

रायपुर। एक कदम स्वच्छता की ओर.. देश को स्वच्छ बनाने के लिए आंदोलन में यह नारा दिया गया है। वहीं ये नारा तभी साकार होगा जब हर एक नागरिक इस महाअभियान के महत्व समझेगा। वहीं बात करे अपने प्रदेश छत्तीसगढ़ की तो छत्तीसगढ़ियां अब एक कदम स्वच्छता की ओर कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है। जिसक अच्छा परिणाम भी सामने आया है। देश में छत्तीसगढ़ की इस सफलता की चर्चा भी हो रही है।

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स्वच्छता सर्वेक्षण के मामले में देश में छत्तीसगढ़ लगातार टॉप पर बना है। अपने नवाचारों के कारण देश के नामी शहरों को पीछे छोड़ उत्तर छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर शहर हर बार नया कीर्तिमान रच रहा है। इससे पूरे प्रदेश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ियों का भी मान बढ़ा है। देश में जनआंदोलन के रूप में चल रहे इस अभियान का असर अब नक्सल प्रभावित ​जिलों में भी दिख रहा है। गोलियों की आवाज के बीच प्रदेश के कांकेर जिले ने खुले में शौच मुक्त भारत के आंदोलन में नया इतिहास रचा है। हाल ही में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह ने विश्व शौचालय दिवस के मौके पर पुरुस्कार देकर सम्मानित किया।

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नक्सल प्रभावित कांकेर ने किया कमाल

स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश को स्वच्छ मुक्त करने के लक्ष्य के साथ देशभर में जन-आंदोलन के रूप में चल रहे अभियान में भारत की तस्वीर बदल रही है। विश्व शौचालय दिवस के मौके पर पिछले 5 साल में ओडीएफ एक मील का पत्थर साबित करने के लिए जिन राज्यों और उनके जिलों में इस मुहिम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिला कांकेर ने कमाल किया है। इसके अलावा बेमेतरा जिला ने भी पुरस्कार हासिल कर कीर्तिमान रचा है। जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह ने राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता के मामले में अहम योगदान देने वाले जिलों को पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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इधर उत्तर छत्तीसगढ़ का सरगुजा लगातार प्रथम पुरस्कार हासिल कर नया रिकार्ड अपने नाम कर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत राज्य स्वच्छता पुरस्कार 2020 में सरगुजा जिले को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इस सफलता पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव और नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्वच्छता पुरस्कार में राज्य एवं जिला स्तरीय पुरस्कारों में सरगुजा जिले को कुल 30 पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। ओडीएफ स्थायित्व जिला के लिए सरगुजा को 1 करोड़ रुपए का चेक एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। इसमें राज्य स्तरीय 11 तथा जिला स्तरीय 19 पुरस्कार शामिल हैं।

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वहीं स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के ताजा परिणाम की ओर नजर डाले तो गार्बेज फ्री सिटी के अंतर्गत स्टार रैंकिंग के नतीजे जारी हुए तो अंबिकापुर शहर ने पूरे देश में एक नया कीर्तिमान रच फाइव स्टार रेटिंग हासिल किया। अंबिकापुर ने देश के राजकोट, सूरत, मैसूर, नवी मुंबई और देश के सबसे स्वच्छ शहर का तमगा हासिल करने वाले इंदौर को भी पीछे छोड़ा है।

अंबिकापुर नगर निगम बना खुले में शौच मुक्त शहर

इससे पहले जनवरी 2017 से शुरू हुए देश के 500 शहरों में हुए स्वच्छ सर्वेक्षण में अंबिकापुर नगर निगम खुले में शौच से मुक्त घोषित हो गया। निगम के समस्त वार्डों में कुल 5980 शौचालय का निर्माण कर अंबिकापुर नगर निगम छत्तीसगढ़ का पहला ओडीएफ बन गया। दस लाख से कम आबादी वाले सबसे साफ शहरों की लिस्ट में पहले नंबर पर अंबिकापुर, दूसरे नंबर पर मैसूर और तीसरे नंबर पर नई दिल्ली रहा है। 100 से ज्यादा शहरी स्थानीय निकाय वाले राज्यों में पहले नंबर पर छत्तीसगढ़, दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र और तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश रहा है। 100 से ज्यादा शहरी स्थानीय निकाय वाले राज्यों की लिस्ट।

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लेकिन रायपुर..

स्वच्छता के मामले में अंबिकापुर शहर ने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। शहर के लोग इस मिशन में सहभागी बनकर अपनी जिम्मेदारियों को समझ रहे हैं। यहीं कारण है कि अंबिकापुर शहर के नवाचार की चर्चा आज देश में हो रही है। वहीं जहां सिर्फ गोली की आवाजें सुनाई देती है। उन इलाकों में भी स्वच्छता की पहल शुरू हो गई है। हम बात कर रहे कांकेर की। ये बात हम सब छत्तीसगढ़ियों को समझनी होगी। क्योंकि हम अगर राजधान रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग जैसे बड़े शहरों की बात करें तो यहां अब भी स्वच्छता के मामले में फिसड्डी साबित हुए हैं। नगर निगम प्रशासन हर साल स्वच्छता को लेकर करोड़ों का बजट बनाती है। बावजूद स्वच्छता में पीछे रह जाते हैं। यहां प्रशासन हर स्तर पर शहर को स्वच्छ बनाने के लिए मेहनत तो करती है लेकिन आम नागरिकों का भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।

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…ऐसे में रायपुर कभी नहीं बनेगा स्वच्छ

स्वच्छता सर्वे में राजधानी रायपुर ​हर बार पीछे रह जाता है। नगर निगम तो दावा करती है कि हमने शहर को साफ बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए। लेकिन कागजों में बने स्मार्ट रायपुर की हकीकत जमीनी स्तर पर हर बार खोखला साबित होता है। वहीं जब-जब स्वच्छता का रिजल्ट आता है तब तब इस पर राजनीति भी हावी हो जाती है। इसके बाद फिर से मामला ठंडा बस्ते में चला जाता है। यहां कहना गलत नहीं होगा कि राजधानी में साफ-सफाई को लेकर हर एक नागरिक अपनी जिम्मेदारी से भागता है। अगर ये सोच नहीं बदला तो रायपुर कभी भी स्वच्छ नहीं बन सकता। भले ही नगर निगम करोड़ों खर्चा कर लें, इस मुद्दे पर राजनीति कर लें।

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65 प्रतिशत लोग उपयोग कर रहे स्वच्छता एप का इस्तेमाल

स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 30 साल पुराने डंपिग यार्ड की सूरत बदल कर चेतना पार्क विकसित किया गया है। 16 एकड़ में फैले इस डंपिंग यार्ड की चर्चा खूब हो रही है। यहां 100 प्रतिशत निर्माण एवं विध्वंश अपशिष्ठ से छह केटेगरी में अलग-अलग करके उपयोगी सामग्री बनाई जाती है। नगर को स्वच्छ रखने में स्वच्छ अंबिकापुर मिशन सहकारी समिति की 447 स्वच्छता दीदियों द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया जा रहा है। इसके आलवा यहां के करीब 65 फीसदी से ज्यादा लोग स्वच्छता एप का उपयोग करते हैं। जिसमें अपनी शिकायतें दर्ज कराते हैं।

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यह भी जानें
​अंबिकापुर ने वर्ष 2017 में दो लाख की आबादी वाले शहरों में प्रथम व पूरे देश में 15वां स्वच्छ शहर घोषित हुआ था। 2018 के स्वच्छ सर्वेक्षण में दो लाख आबादी में देश में प्रथम व पूरे देश में 11 स्थान पर था। 2019 के सर्वेक्षण में दो लाख की संख्या में देश में प्रथम व पूरे देश में दूसरे स्थान पर था। इसके अलावा कई अवार्ड भी हासिल हो चुके हैं।

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इन नियमों का जरूर करें पालन

– डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण
– घरेलू खतरनाक कचरा (सेनेटरी पैड, डायपर) का निपटान
– सीवरेज वाटर का ट्रीटमेंट कर गार्डन में सिंचाई
– शहर में सुंदर कई स्पॉट का निर्माण, वाल पेंटिंग
– देश के पहले गार्बेज कैफे की स्थापना
– पालीथीन पर प्रतिबंध
– सड़क में कचरा फेंकने पर लगातार कार्रवाई
– दस्तावेज की बेहतर प्रस्तुति
– यूजर चार्ज की जानकारी
– कचरे के विक्रय से आय का अर्जन
– जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व कर्मचारियों की सहभागिता
– नागरिकों का सहयोग