दुर्ग: दो दिन पहले शहर के सिकोला बस्ती इलाके में हुई हत्या के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि मृतक के भाई और बहन ने ही इस वारदात को अंजाम दिया था। पूछताछ के दौरान जब आरोपियों ने पुलिस को हत्या की वजह बताई तो उनके भी पैरों तले जमीन खिसक गई। फिलहाल पुलिस ने आरोपी भाई-बहन को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया।
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आरोपियों ने बताया कि मृतक आकाश शैलेष घरडे रोज शराब पीकर आता था और अपनी छोटी बहन के साथ बुरी नियत से छेड़छाड़ करता था। आकाश लंबे समय से इस प्रकार से करता आ रहा था। परिजनों ने आकाश को उसकी ऐसी हरकत पर समझाइश भी दी थी, लेकिन वह नहीं सुधरा। घटना वाले दिन यानि मंगलवार को भी आकाश शराब के नशे में धुत्त होेकर आया और छोटी बहन के साथ गंदी हरकत करने लगा। ये बात घर में मौजूद बड़े भाई अश्वनी शैलेष और छोटी बहन माधवी को नागवार गुजरी और अश्वनी शैलेष ने आकाश के गाल पर तमाचा जड़ दिया। इसके बाद भी आकाश नहीं माना और छोटी बहन से गंदी हरकत करने लगा। इसी बीच मौका देखकर माधवी ने हाथ में रखे गमछा को आकाश के गले में लपेटा और ताकत से खींच दिया, जिससे आकाश की मौत हो गई।
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पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान पहले तो आरोपियो ने पुलिस को गुमराह करने के लिए नशे में मौत होना बताया, लेकिन पुलिस ने शक के आधार पर और कड़ाई से पूछताछ की। इसके बाद भी आरोपियों ने सच नहीं बताया, बल्कि मृतक का देर रात बाहरी लोगों से झगड़ कर घर आने पर मौत होना बताकर जांच करने आए अधिकारियों को गुमराह करने का प्रयास किया। अंतत: पुलिस ने शव पीएम के लिए भेज दिया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोली आरोपियों की पोल
पीएम रिपोर्ट में आकाश की मौत दम घुटने से बताया गया। पुलिस ने एक बार फिर जांच शुरु की और परिजनों से कड़ाई से पूछताछ की, तो सच सामने आया। सच सुनकर एक पल के लिए पुलिस वाले भी चौंक गए। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि कैसे इस वारदात को अंजाम दिया।
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आदतन बदमाश था मृतक
मोहल्ले वालों ने बताया कि मृतक आदतन बदमाश था। उसके खिलाफ थानों में कई अपराध दर्ज था। इसी बात का फायदा उठाते हुए आरोपियों ने लोगों को गुमराह करने के लिए लाश घर के दरवाजे पर फेंक दी और सुबह आकाश की मौत की सूचना पड़ोसियों को देकर अस्पताल पहुंचाया। जिला अस्पातल के डॉक्टरों ने आकाश को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को भी शक न हो इसलिए मोहन नगर थाने में सूचना दी और पुलिस को सामान्य मौत बताकर पीएम न करवाने की गुजारिश करने लगे।