बिजली के दामों में हो सकती है बढ़ोतरी, कंपनियों ने कीमतों में वृद्धि के लिए लगाई राज्य विद्युत नियामक में याचिका | Electricity manufacturing company demands to Inverse Price

बिजली के दामों में हो सकती है बढ़ोतरी, कंपनियों ने कीमतों में वृद्धि के लिए लगाई राज्य विद्युत नियामक में याचिका

बिजली के दामों में हो सकती है बढ़ोतरी, कंपनियों ने कीमतों में वृद्धि के लिए लगाई राज्य विद्युत नियामक में याचिका

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:54 PM IST, Published Date : February 13, 2020/4:28 pm IST

जबलपुर: मध्यप्रदेश में एक बार फिर बिजली के दामों में बढ़ोतरी की मांग उठने लगी है। प्रदेश की बिजली कम्पनियों ने राज्य विद्युत नियामक में टैरिफ याचिका दायर कर दामों में बढ़ोतरी की मांग की है। इस संबंध में कंपनियों ने हवाला देते हुए कहा है कि कंपनियों को साल 2020-21 में 2 हज़ार करोड़ का घाटा हुआ है। कंपनियों ने घाटे को देखते हुए राज्य विद्युत नियामक से बिजली के दामों में बढ़ोतरी की है। कपंनियों ने घरेलू बिजली के दाम 5.28% बढाने की मांग की है। टैरिफ याचिका पर राज्य विद्युत नियामक आयोग ने दावा आपत्ति मंगवाई है।

Read More: आरोप-प्रत्यारोप में लगी रही भाजपा और कांग्रेस ने बना डाले तीनों जनपद में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, ढाहया अभेद्य किला

बिजली के दामों में बढ़ोतरी की मांग को लेकर विद्युत कंपनियों ने अपनी याचिका में कहा है कि साल 2020-21 में बोर्ड को 41 हजार करोड़ के खर्च के मुकाबले 39 हजार करोड़ रुपए की आय हुई है। मौजूदा आंकड़ों के हिसाब से कपंनियों को लगभग 2 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है।

Read More: सुरंग खोदकर पड़ोसी के घर पहुंचा युवक, पुलिस ने पूछा तो कहा- ढूंढ रहा था पिछले जन्म में छिपाया खजाना

बिजली कंपनियों की मांग है कि घरेलू बिजली के दाम में 5.28%, कृषि के लिए अपयोग होने वाली बिजली के दाम में 6.61% और उद्योगों के लिए उपयोग होने वाली बिजली के दाम में 4.81% बढ़ोतरी की जाए।

Read More: कसडोल विधायक शकुन्तला साहू ने ट्रेनी IPS अंकिता शर्मा को दे डाली धमकी, कहा- औकात में रहो…

कंपनियों की याचिका पर राज्य विद्युत नियामक आयोग ने दावा आपत्ति मंगवाई है। नियामक आयोग ने दावा आपत्ति के लिए 7 मार्च तक का समय दिया है। बताया जा रहा है कि दावा आपत्ति पर भोपाल, इंदौर, जबलपुर में आयोग जनसुनवाई करेगा। जनसुनवाई के बाद बिजली के दाम बढ़ाने पर फैसला लिया जाएगा।

Read More: जजों की कमी से अदालतों में 2,91,63,220 मामले लंबित, यूपी में प्रति न्यायाधीश 3,500 केस