रायपुर। राज्य शासन ने ई-टेंडर घोटाले की जांच EOW को सौंप दी है। EOW ई-टेंडर में हुई अनियमितताओं की जांच करेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोटाले की जांच का जिम्मा EOW चीफ एसआरपी कल्लुरी को सौंपा है। कैग ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया था कि राज्य शासन की आईटी एजेंसी चिप्स की ओर से जारी किए गए ई- टेंडर में 4 हजार 601 करोड़ रूपए की आर्थिक अनियमितता की गई है।
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रिपोर्ट में ये बात भी सामने आई थी कि जिस कंप्यूटर से टेंडर खोले गए, उसी के जरिए न केवल ठेकेदारों ने टेंडर भरा, बल्कि अफसरों ने मंजूर भी किया। कैग की आडिट रिपोर्ट के मुताबिक 17 विभागों के अधिकारियों द्वारा 4601 करोड़ के टेंडर में 74 ऐसे कंप्यूटर का इस्तेमाल निविदा अपलोड करने के लिए किया गया था, उसी कंप्यूटर से टेंडर भी भरा गया।
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10 लाख से 20 लाख के 108 करोड़ के टेंडर PWD और WRD प्रणाली द्वारा जारी न कर मैन्युअली जारी किए गए। कैग ने मामले में जांच की सिफारिश करते हुए बताया है कि 5 अयोग्य ठेकेदारों को 5 टेंडर जमा करने दिया गया। हालांकि कैग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश होने के बाद लोक लेखा समिति में भेजी जाती है, जहां इसका परीक्षण किया जाता है।
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