दिल्ली। पूर्व डिप्लोमैट माधुरी गुप्ता को दिल्ली की पटिलाया हाउस कोर्ट ने पाकिस्तान में नियुक्ति के दौरान आईएसआई को भारत की खुफिया जानकारियां देने के मामले में दोषी करार दिया है। 10 साल बाद आए इस फैसले के तहत माधुरी को अधिकतम 3 वर्ष की सजा हो सकती है।
माधुरी पहले ही 21 साल की सजा का चुकी है। अगली सुनवाई 19 मई को होनी है जिसमें सजा पर बहस होगी। एडिशनल सेशन जज सिद्धार्थ शर्मा की बेंच ने माधुरी गुप्ता को जासूसी और गलत ढंग से सूचना पहुचाने के आरोपों के लिए आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 3 और 5 के तहत दोषी करार दिया है।
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बता दें कि माधुरी को 22 अप्रैल 2010 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था। तब वे इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास में द्वितीय सचिव (प्रेस और सूचना) के पद पर थीं। उन पर आरोप था कि वे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को भारत की गुप्त जानकारियां मुहैया करवा रही थीं।
इसके अलावा उन पर आईएसआई के दो अधिकारियों मुबशर राजा राणा और जमशेद के संपर्क में रहने का भी आरोप था। मामले में दिल्ली की अदालत ने उन्हें जनवरी 2012 में ज़मानत दे दी थी। अदालत ने महिला राजनयिक पर विश्वास को ठेस पहुंचाने, आपराधिक साजिश और इस अधिनियम के कई प्रावधानों के तहत आरोप तय किए हैं।
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दायर आरोपपत्र में यह भी कहा गया था कि आईएसआई के अधिकारी जमशेद के साथ माधुरी के रिलेशन थे और माधुरी की योजना उससे शादी करने की थी।
वेब डेस्क, IBC24
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