पांच साल पहले मध्यप्रदेश के स्कूलों में शुरू हुई सुपर 100 योजना और एक्सीलेंस स्कूल योजना फेल हो गई है। 11 वीं और 12 वीं के जिन छात्रों को स्कूलों में नीट और प्प्ज् तक की तैयारी कराई गई, वे माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड परीक्षाओं की मैरिट लिस्ट में जगह नहीं बना पाए। 12 वीं के 255 छात्रों में से सिर्फ दो छात्र ही मेरिट लिस्ट में शामिल हुए, वहीं 11 वीं की 118 छात्रों की मेरिट लिस्ट में एक्सीलेंस स्कूलों के सिर्फ 19 छात्रों का चयन हुआ है। वहीं 10 वीं में मेरिट लिस्ट के 58 छात्रों में एक्सीलेंस स्कूल के सिर्फ दो छात्रों का चयन हुआ है। योजनाएं लागू तो कर दी गईं, लेकिन विभाग का न इसकी प्लानिंग पर ध्यान है और न मॉनिटरिंग पर।
सुपर 100 योजना के तहत प्रदेशभर के जिलों से 255 छात्रों का चयन कर उन्हें 11 वीं में एडमिशन दिया जाता है। 11 वीं और 12 वीं के छात्रों को पढ़ाई के साथ विशेष कोचिंग और मेस की सुविधा भी दी जाती है। सुपर 100 योजना में चयनित छात्रों पर सालभर में करीब एक करोड़ की राशि अलग से खर्च की जाती है। एक्सीलेंस स्कूल के लिए छात्रों का चयन मैरिट के आधार पर और शिक्षकों का चयन विशेष प्रक्रिया से होता है। हालांकि विभाग के मंत्री इस योजना को सफल बता रहे हैं।
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