भोपाल। मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भले ही प्रदेश के पौने तीन लाख अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन नहीं किया हो, लेकिन सोशल मीडिया में इसका फर्जी आदेश वायरल हो गया. खुशी में अध्यापकों ने जमकर होली खेली, लेकिन जब हकीक़त सामने आई तो उनके होश फाख्ता हो गए।
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प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग का ये वो आदेश है. जिसे देखकर मध्यप्रदेश के पौने तीन लाख अध्यापकों की खुशी का कोई ठिकाना न रहा. इस पत्र में अध्यापकों के शिक्षा विभाग में संविलियन का आदेश जारी कर दिया गया था. जिसके बाद अध्यापकों ने अगले ही दिन जमकर होली खेली, लेकिन छुट्टी के बाद दफ्तर खुलते ही सारी खुशी काफूर हो गई. पता चला कि जिस वाय सेंधमारे नाम के उपसचिव के हस्ताक्षर से ये आदेश जारी हुआ, उस नाम का कोई अधिकारी स्कूल शिक्षा विभाग में है ही नहीं. संविलियन आदेश फर्जी निकलने से खुद अध्यापक ठगा महसूस कर रहे हैं.
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इधर, इस फर्जी आदेश से जबलपुर के शिक्षा विभाग में हड़कंप और उहापोह के हालात हैं. अधिकारी ज्यादा कुछ कहने से बच रहे हैं, लेकिन मामले की जांच भोपाल स्तर से होने की बात कही जा रही है. दरअसल, ये पहला मौका नहीं है जब स्कूल शिक्षा विभाग के किसी फर्जी आदेश ने विभाग में हड़कंप मचाया हो. इससे पहले भी शिक्षकों के तबादलों और संविदा शिक्षकों का वेतनमान बढ़ाने के फर्जी आदेश विभागीय परेशानी बढ़ा चुके हैं.
विजेन्द्र पाण्डेय,IBC24, जबलपुर
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