दंतेवाड़ा के हिड़पाल गांव के दो सौ एकड़ खेत रेत के मैदान में बदल चुका है. पिछले साल हुई ज्यादा बारिश ने किसानों के खेत को बरबाद कर दिया. अब एक बार और खेती करने का वक्त आ गया है. लेकिन खेत में मिट्टी की जगह रेत ही रेत है. जिससे खेती करना संभव नहीं है. ऊपर से किसानों को अब तक फसल बीमा का पैसा भी नहीं मिला है. जिससे किसानों की परेशानी और बढ़ गई है.
रेत के टीले जहां चारों ओर रेत ही रेत बिखरे पड़े हैं. ये कोई रेत घाट नहीं. बल्कि दंतेवाड़ा के हिड़पाल गांव के खेत हैं. ये खेत अब रेगिस्तान में तब्दील हो गए हैं. इधर खेती का मौसम भी आ पहुंचा है. जबकि किसानों को पिछले साल हुए फसल के नुकसान का मुआवजा भी अब तक नहीं मिला है. खेतों में रेत ही रेत होने की वजह है- पिछले साल हुई जबरदस्त बारिश.
ज्यादा बारिश के चलते यहां पास से बहने वाले भालूनाला का पानी इन खेतों में आ गया था और जब खेतों से पानी उतरा. तो हैरान करने वाला नजारा सामने था. किसानों के खेतों में चारों ओर रेत ही रेत दिखाई दे रहा था. पिछले साल लगाई फसल किसान काट भी नहीं सके थे. कि उनके ऊपर ये मुसीबत आ गई और अब इस साल भी उनके लिए खेती करना मुश्किल है.
37 किसानों की 200 एकड़ जमीन रेगिस्तान में बदल चुकी है. ऐसे में खेती करना मुश्किल है. इधर जिला प्रशासन किसानों को 15 दिनों के अंदर फसल बीमा की राशि देने की बात कह रहा है. साथ ही रेतीली जमीन में होने वाले फल और सब्जी लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने की बात भी अधिकारी कह रहे हैं.