अभी कुछ ही दिन हुए है कि पूर्व सांसद देवव्रत सिंह ने कांग्रेस छोड़ जनता कांग्रेस का हाथ थामा है। और अब उनके विरोध में उन्ही की पार्टी के लोग हल्ला बोलते नज़र आ रहे हैं।कांग्रेस में उन्हें ज्यादा तवज्जो नहीं मिलने के कारण वो कुछ खफा थे और इसका पूरा फायदा उठाया था जनता कांग्रेस जोगी ने। बड़े ही हल्ला गुल्ला के साथ देवव्रत सिंह ने जोगी समूह को ज्वाइन किया था। अभी चार पांच दिन पहले ही जनता कांग्रेस ने जोगी ने देवव्रत सिंह को खैरागढ़ विधानसभा सीट के लिए प्रत्याशी घोषित किया है.लेकिन कल रात को जो कुछ देखने मिला वो आश्चर्य से कम नहीं था।
देवव्रत सिंह को टिकट देने की बात सुन कर खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र के लगभग 96 गावों के लोग एकजुट होकर देवव्रत के विरोध मे उतर आए हैं. उन्होंने अजीत जोगी से मिलकर देवव्रत को किसान विरोधी बताया है.बताया जा रहा है कि खैरागढ़ इलाके के 96 गांव के करीब 700 लोग जोगी बंगले पहुंचे थे. जिसमें प्रेमलाल साहू, देवलाल, केदार रजक, हेमिल, सुभद्रा जंघेल सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि शामिल थे इन्होने अजित जोगी के सामने जो बात रखी वो राजनीतिक गलियारे में चौकाने वाली है।
ग्रामीणों का कहना था कि देवव्रत सिंह को टिकट न दी जाए. वे राजा हैं, इसलिए गरीबों व किसानों की सेवा नहीं कर सकते. इसके बजाय किसी किसान को ही टिकट दी जानी चाहिए. उनकी माने तो किसान ही किसान की सेवा कर सकता है.
क्या कहते है प्रवक्ता
इस बात की पुष्टि के लिए जब हमने जनता कांग्रेस जोगी के प्रवक्ता सुब्रत डे से बात कि तो उनका कहना था की खैरागढ़ से लगभग 3 चार सौ किसान आये जरूर थे लेकिन वो विरोध नहीं कर रहे थे वे पार्टी से जुड़ना चाहते थे और साथ ही वे पार्टी में अपनी भूमिका चाहते है. इसमें देवरात के विरोध की कोई बात नहीं है वे पार्टी में अपने नेतृत्व की बात करने आये थे और उन्हें प्रॉपर जगह भी दी जाएगी।
हालांकि अजीत जोगी ने सभी को आश्वस्त किया है साथ ही जोगी ने उनके बीच से जनप्रतिनिधि के रूप में नाम सौंपने को कहा है. जिसके बाद उम्मीद है कि जोगी से मिलने पहुंचे ये ग्रामीण जल्द ही जनप्रतिनिधियों की सूची के साथ जोगी से मिलेंगे.
खैरागढ़ से आए सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रमीणों का कहना है कि क्षेत्र में काफी लंबे समय से कोई किसान वर्ग से जनप्रतिनिधि चुनकर नहीं आया. किसानों की समस्याओं को सुनने वाला कोई जनप्रतिनिधि क्षेत्र मे नही था. प्राकृतिक आपदा हो या चाहे अन्य कई कारण जिसका निराकण नहीं हो पा रहा है. जिससे किसान काफी चिंतित है.
अब किसान वर्ग की सोच है कि अब उनका देखभाल कोई किसान नेता ही कर सकता है.
वेब टीम IBC24