किसान संगठनों ने फिर से सरकार के प्रस्ताव को नकारा, कानूनों की वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं | Farmers' organizations again reject the government's proposal, nothing less than the withdrawal of laws

किसान संगठनों ने फिर से सरकार के प्रस्ताव को नकारा, कानूनों की वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं

किसान संगठनों ने फिर से सरकार के प्रस्ताव को नकारा, कानूनों की वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:35 PM IST, Published Date : January 15, 2021/8:40 am IST

नईदिल्ली। सरकार के साथ बैठक में किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्ताव को फिर से नकार दिया है, किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कानून वापस लिए जाएं। दूसरी ओर सिख फॉर जस्टिस संगठन की ओर से चीफ जस्टिस बोबड़े को चिट्ठी लिखी गई है, जिसमें उन्होंने अपील की है कि किसानों को 26 जनवरी को केसरी ट्रैक्टर रैली निकालने से ना रोका जाए।

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केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बयान दिया है कि देश के किसान नेता किसानों को तकलीफ दे रहे हैं, इस ठंड में उन्हें बर्बाद करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी दोगुनी करना सरकार का मकसद है और ये कानून उसी से जुड़ा है। सरकार किसान बिल में संशोधन करने को तैयार है और इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी निर्णय आएगा केंद्र सरकार उसे मानेगी और किसानों को भी उनका निर्णय मानना चाहिए ।

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कृषि कानून के मसले पर किसान संगठनों और सरकार के बीच अब से कुछ देर में बातचीत शुरू होगी। किसान नेता विज्ञान भवन में बात कर रहे हैं, यहां किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को इन तीन कानूनों को वापस लेना होगा और एमएसपी पर लिखित गारंटी देनी होगी। दूसरी ओर केंद्र सरकार की ओर से कषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने एक बार फिर उम्मीद जताई गई है कि आज की बातचीत के जरिए समाधान निकलेगा।

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किसान संगठनों के ग्रुप में शामिल किसान नेता अभिमन्यु का कहना है कि जब तक तीनों कानून रद्द नहीं होते हैं और एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनता है, तबतक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। जहां तक सुप्रीम कोर्ट की कमेटी का मामला है, उसमें तो वही लोग सदस्य बनाए गए हैं जो इन कानूनों के समर्थन करते रहे हैं।