नई दिल्ली। राष्ट्रीय किसान महासंघ द्वारा केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के विरोध में एक जून से दस जून तक बुलाई गई राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आज दूसरे दिन भी कई राज्यों में प्रदर्शन हुए। मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में दूध उत्पादन करने वाले किसानों ने दूध फेंकने की बजाए विरोध करने का एक अलग ही तरीका चुना। उन्होंने जिला अस्पताल पहुंचकर भर्ती मरीजों को दूध बांट दिए।
बता दें कि यह हड़ताल देश के सात राज्यों में है और इसमें 130 संगठन शामिल हैं। वहीं मध्यप्रदेश के मंदसौर में जहां किसान आंदोलन के दौरान पिछले वर्ष पुलिस फायरिंग में किसान मारे गए थे वहां हालात शांतिपूर्ण हैं।
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किसान ये दस दिवसीय आंदोलन सब्जियों के न्यूनतम मूल्य तय करने, समर्थन मूल्य बढ़ाने और किसान की न्यूनतम आय तय करने जैसे कई मांगों को लेकर किया जा रहा है। आंदोलनरत किसान यह भी मांग कर रहे हैं कि दूध के दाम पेट्रोल की तरह होने चाहिए।
इधर बहुत से गांवों से मंडियों में सब्जी की सप्लाई न होने से सब्जियों की कीमतें बढ़ गई हैं। दिल्ली स्थित गाजीपुर मंडी में सब्जियों के थोक रेट में भी भारी बढ़ोतरी हुई है। आलू जो कल तक 16 रुपए किलो था वह आज 18 रुपए पर है तो मुंबई में भिंडी 80 रुपये प्रति किलो मिल रही है।
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आंदोलनरत किसानों का कहना है कि पीएम मोदी ने पहले तो किसानों के लिए सुधार की बातें की लेकिन फिर बाद में चुनावी जुमलों की तरह छोड़ दिया।
वेब डेस्क, IBC24
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