नक्सल प्रभावित इलाकों में वोटिंग के लिए कतारें, शुरुआती घंटे में 12-15 फीसदी मतदान की खबर, देखिए कोंटा की तस्वीरें | First Phase Chhattisgarh Assembly Election 2018 , Live Update

नक्सल प्रभावित इलाकों में वोटिंग के लिए कतारें, शुरुआती घंटे में 12-15 फीसदी मतदान की खबर, देखिए कोंटा की तस्वीरें

नक्सल प्रभावित इलाकों में वोटिंग के लिए कतारें, शुरुआती घंटे में 12-15 फीसदी मतदान की खबर, देखिए कोंटा की तस्वीरें

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : November 12, 2018/3:22 am IST

रायपुर/सुकमा। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान चल रहा है। बस्तर के अधिकांश सीटों में मतदान के प्रति अच्छा खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। सुबह से मतदान केन्द्रों में भीड़ देखी गई। बताया जा रहा है कि दंतेवाड़ा, कोंटा, कांकेर सहित कई विधानसभा में एक घंटे में 12 से 15 फीसदी मतदान आंकड़े मिल रहे हैं। सुकमा जिले की कोंटा विधानसभा सीट के लिए चिंतागुफा, मराईगुंडा और डोंड्रा में सुबह से लंबी कतार देखी गई।
कोंटा विधानसभा के कुछ बूथों पर मतदाता सुबह 6 बजकर 45 मिनट से ही लाइन में लगनी शुरू हो गई थी।
इस बार विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के सभी सीटों पर ईवीएम के साथ VVPAT मशीन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। कोंटा में ही कुछ जगहों पर ईवीएम में खराबी की खबर मिल रही है। साथ ही सुकमा जिला में पहली बार महिला चुनाव दल के द्वारा मतदान करवाया जा रहा है जिससे मतदान बहुत धीमी गति से हो रही है
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा में से 18 जगहों पर वोटिंग शुरू हो गई है। मतदान शुरू होने से पहले माओवादियों ने दहशत फैलाने की कोशिश की है। बताया जा रहा है कि दंतेवाड़ा के कटेकल्याण में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया है। हालांकि इसमें किसी के भी हताहत होने की खबर नहीं है। कलेक्टर सौरभ कुमार ने घटना की पुष्टि की।
छत्तीसगढ़ के बस्तर की 12 और राजनांदगांव की 6 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। बस्तर की 12 सीटों में से 8 पर भाजपा-कांग्रेस और 4 पर त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति है। इन विधानसभा में 31 लाख 79 हजार वोटर हैं और 190 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। साल 2013 के चुनाव में भाजपा को 6 और कांग्रेस को 12 सीटें मिली थीं।

कुल प्रत्याशी 190
मतदाता 31 लाख 79 हजार 520
पुरुष 16 लाख 21 हजार 839
महिला 15 लाख 57 हजार 592
थर्ड जेंडर 89

राजनांदगांव सीट में सबसे ज्यादा 30 उम्मीदवार हैं। सबसे कम पांच-पांच उम्मीदवार बस्तर और कोंडागांव सीट पर हैं। पहले चरण की 18 सीटों में से ज्यादातर नक्सल प्रभावित हैं। इस वजह से मतदान का वक्त अलग-अलग है। चुनाव आयोग के मुताबिक, 10 सीटों (मोहला-मानपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंटा) पर मतदान सुबह सात से दोपहर तीन बजे तक होगा। बाकी सीटें राजनांदगांव, डोंगरगढ़, खैरागढ़, बस्तर, जगदलपुर, चित्रकोट, डोंगरगांव और खुज्जी में आठ से पांच बजे तक वोट डाले जाएंगे।

राज्य के इन इलाकों में शांतिपूर्ण मतदान के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। करीब एक लाख सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। पिछले तीन दिनों में नक्सल प्रभावित इलाकों से 300 से ज्यादा आईईडी (बारुदी सुरंगें) निकाली गई हैं। 650 मतदान दलों को हेलिकॉप्टर से भेजा गया है।

कांग्रेस के 18 प्रत्याशियों में से नौ मौजूदा विधायक हैं। इनमें मनोज सिंह मांडवी (भानुप्रतापुर), मोहन लाल मरकाम (कोंडागांव), एल भगत (बस्तर), दीपक कुमार बैज (चित्रकोट), देवती कर्मा (दंतेवाड़ा), कवासी लखमा (कोंटा), गिरवर जंघेल (खैरागढ़) और दलेश्वर साहू (डोंगरगांव) शामिल हैं। भाजपा ने मंत्री महेश गागड़ा (बीजापुर), केदार कश्यप (नारायणपुर) और मौजूदा विधायक- संतोष बाफना (जगदलपुर), सरोजनी बंजारे (डोंगरगढ़) शामिल हैं। 17 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला नजर आया। कोंटा में सीपीआई के आने से मुकाबला त्रिकोणीय मुकाबला बनता दिखा। ज्यादातर सीटों पर पुराने प्रद्विद्वंदियों के बीच भिड़ंत होगी, जबकि खुज्जी और कांकेर में दोनों ही दलों ने नए उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है।
मुख्यमंत्री रमन सिंह राजनांदगांव सीट से लगातार तीन चुनावों (2003, 2008 और 2013) से जीतते आ रहे हैं।
उनके खिलाफ करुणा शुक्ला चुनाव लड़ रहीं हैं। राहुल गांधी ने उनके लिए 9 नवंबर को एक सभा और रोड शो भी किया। करुणा पहले भाजपा में थीं।
इसके अलावा कोंटा से कवासी लखमा उम्मीदवार हैं। वे आदिवासी नेता हैं और विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हैं। वह पहली बार 2003 कांग्रेस के टिकट पर कोंटा सीट से चुने गए। उनकी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। वे 2013 में झीरम घाटी में नक्सली हमले में बच गए थे।

 
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