नई दिल्ली। देश को तय करने दें कि भारत के मुख्य न्यायाधीश पर महाभियोग चलना चाहिए या नहीं।
With no pleasure we are compelled take the decision to call a press conference. The administration of the SC is not in order & many things which are less than desirable have happened in last few months :Justice J.Chelameswar pic.twitter.com/yv2Dmuexj0
— ANI (@ANI) January 12, 2018
मुख्य न्यायाधीश के बाद सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज न्यायमूर्ति चमलेश्वर की मुख्य न्यायाधीश के बारे में की गई ये टिप्पणी अहम है और जाहिर है कि इसकी गूंज दूर तलक सुनाई देगी। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब देश की सबसे बड़ी अदालत के चार सबसे सीनियर जजों ने एक साथ एक प्रेस कांफ्रेंस करके न्यायालय के भ्रष्टाचार का कथित खुलासा किया है। प्रेस कांफ्रेंस की शुरुआत करते हुए जस्टिस चमलेश्वर ने कहा कि इस तरह की प्रेस कांफ्रेंस करना कोई खुशी की बात नहीं है, लेकिन इसे इसलिए बुलाने की नौबत आई है क्योंकि पिछले कुछ महीने से सुप्रीम कोर्ट में सबकुछ ठीक से नहीं चल पा रहा है। उन्होंने खुलासा किया कि इस बारे में जजों ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में कोई ऐसा न कह दे कि हमने आत्मा बेच दी. हम चीफ जस्टिस को लिखी चिट्ठी सार्वजनिक करेंगे.
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Let the nation decide that: Justice J.Chelameswar on if the CJI should be impeached pic.twitter.com/0R1qt8v4mq
— ANI (@ANI) January 12, 2018
न्यायालय के भ्रष्टाचार का खुलासा करने के लिए की गई इस कॉन्फ्रेंस में उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के बाद के चार सबसे वरिष्ठ न्यायमूर्ति जे चल्मेश्वर, रंजन गोगोई, मदन लोकुर और कुरियन जोसेफ मौजूद थे।
Judges J.Chelameswar, Ranjan Gogoi, Madan Lokur and Kurian Joseph to address the media shortly #Delhi pic.twitter.com/ChifU0ukms
— ANI (@ANI) January 12, 2018
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ये पूछे जाने पर कि क्या मुख्य न्यायाधीश को लिखी चिट्ठी सीबीआई जज बी एच लोया के केस को लेकर है, जस्टिस रंजन गोगोई ने सिर्फ इतना कहा-हां।
There is an issue of assignment of a case which is raised in that letter (to CJI): Justice Ranjan Gogoi, on being asked further if it is about CBI Judge BH Loya, he said, ‘yes.’ pic.twitter.com/aeZAwg04i7
— ANI (@ANI) January 12, 2018
प्रेस कांफ्रेंस में जस्टिस जे. चेलमेश्वर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जो हुआ, वो सही नहीं था. हमने चीफ जस्टिस को समझाने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो सके. हम चारों जज मानते हैं कि लोकतंत्र के बचे रहने के लिए पारदर्शी न्याय ज़रूरी है.
सुप्रीम कोर्ट के जजों ने कहा- हमने किसी काम को सही तरीके से करने के लिए कहा था. कुछ महीने पहले हम चारों जजों ने चीफ जस्टिस को एक चिट्ठी लिखी थी. हमारी कोशिशें नाकामयाब रहीं. जब कोई विकल्प नहीं बचा तो हम आपके सामने आए हैं. देश का लोकतंत्र खतरे में है’. pic.twitter.com/QI2JiR8xav
— IBC24 (@IBC24News) January 12, 2018
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भारतीय नागरिकों को सबसे ज्यादा किसी संस्था पर विश्वास है तो वो है न्यायपालिका। अदालत को न्याय का मंदिर कहा जाता है और ये अभी भी बहुसंख्यकों का भरोसा है कि देर भले ही हो जाए, लेकिन इंसाफ जरूर होगा और जीत सच की ही होगी। ये अलग बात है कि कई बार न्यायपालिका पर भी उंगली उठी है और कई बार न्यायाधीशों खासकर निचली न्यायालयों के जजों पर गंभीर आरोप लगे हैं, लेकिन भारतीय इतिहास में आज यानी 12 जनवरी को ऐसा पहली बार हुआ, जब देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने खुद ही न्यायालय के भ्रष्टाचार का खुलासा करने के लिए प्रेस कांफ्रेंस की।
वेब डेस्क, IBC24
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