पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का निधन, ऐसा रहा उनका राजनीतिक सफर, जानिए उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें | Former Chief Minister Babulal Gaur died, his political journey was such, know some interesting things related to his life

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का निधन, ऐसा रहा उनका राजनीतिक सफर, जानिए उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का निधन, ऐसा रहा उनका राजनीतिक सफर, जानिए उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:49 PM IST, Published Date : August 21, 2019/1:59 am IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का आज निधन हो गया है। बाबूलाल गौर का 89 साल की उम्र में हृदय गति रुकने से निधन हो गया है। गौर पिछले 14 दिन से अस्‍पताल में भर्ती थे और वेंटीलेटर सपोर्ट सिस्‍टम पर थे। जहां आखिरकार बुधवार सुबह करीब 6.45 से 7 बजे बीच उनका निधन नर्मदा अस्‍पताल में हो गया।

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बता दे कि पिछले 7 अगस्‍त को तबीयत खराब होने के बाद उन्हें भोपाल के नर्मदा अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। कई महीनों से फेफड़ों में इन्फेक्शन से पीड़ित थे। अस्‍पताल में उन्‍हें कई दिनों से वेंटिलेटर पर रखा गया था। बाबूलाल गौर को सांस लेने में तकलीफ होने के बाद भोपाल के नर्मदा अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

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उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ के नौगीरी गांव में 2 जून 1930 को उनका जन्म हुआ था। जब वो पैदा हुए तो देश में अंग्रेजों का राज था। प्रतापनगर जिला में पैदा होने होने वाले बाबूलाल गौर का भाजपा के नेता के रूप में मध्‍यप्रदेश की राजनीति में प्रमुख स्थान रहा है। 23 अगस्त 2004 से 29 नवंबर 2005 तक वे मप्र के मुख्यमंत्री रहे चुके हैं, साथ ही 44 सालों से वो मध्यप्रदेश की एक सीट से विधायक रह चुके हैं। पहली बार 1974 में भोपाल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में निर्दलीय विधायक चुने गए थे। उन्होंने 1977 में गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और साल 2003 तक वहां से लगातार सात बार विधानसभा चुनाव जीतते रहे।

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बाबूलाल गौर सन 1946 से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। उन्होंने दिल्ली तथा पंजाब आदि राज्यों में आयोजित सत्याग्रहों में भी भाग लिया था।बाबू लाल गौर 1993 के विधानसभा चुनाव में 59 हजार 666 मतों के अंतर से जीतकर बाबूलाल गौर ने इतिहास रचा था और 2003 के विधानसभा चुनाव में 64 हजार 212 वोट के अंतर से विजय पाकर अपने ही कीर्तिमान को तोड़ा।4 सितंबर 2002 से 7 दिसंबर 2003 तक मध्य प्रदेश विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे।

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राजनीति में आने से पहले बाबूलाल गौर ने भोपाल की कपड़ा मिल में नौकरी की थी और श्रमिकों के हित में अनेक आंदोलनों में भाग लिया था। वे भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक सदस्य थे ।1974 में मध्य प्रदेश शासन द्वारा बाबूलाल गौर को ‘गोआ मुक्ति आंदोलन’ में शामिल होने के कारण ‘स्वतंत्रता संग्राम सेनानी’ का सम्मान प्रदान किया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल में ‘नगरीय प्रशासन एवं विकास’, ‘भोपाल गैस त्रासदी, राहत एवं पुनर्वास’ विभाग का मंत्री बनाया गया था।

 
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