बलरामपुर। जिले के रामानुजगजं में पिछले दो महिने से संचालित हो रहे एक फर्जी प्रशिक्षण केन्द्र का भांडा फोड़ हुआ है जहां बेराजगार युवक युवतियों को पटवारी का प्रशिक्षण दिया जा रहा था।ये प्रशिक्षण रायपुर के रहने वाले जितेन्द्र यादव और उसकी पत्नी चंद्रकिरण यादव मिलकर संचालित कर रहे थे और फर्जीवाडे का ये पूरा खेल जनपद पंचायत के एक कमरे में संचालित हो रहा था।शिकायत के बाद नायब तहसीलदार की टीम ने छापामार कार्रवाई किया तो इस प्रकरण का खुलासा हुआ,पत्नि तो पकडी गई लेकिन पति की तलाश अभी भी जारी है।
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दरअसल सैकडों की संख्या में युवक युवतियां को इकट्ठा कर भ्रामक प्रचार प्रसार कर पटवारी प्रशिक्षण के नाम पर बेरोजगार युवक युवतियों को ठगा जा रहा था।पटवारी बनने की चाह में युवक युवतियों ने पहले 150 रुपए का फार्म भरा और फिर यहां दाखिला लेकर लेने लगे पटवारी प्रशिक्षण ।उसके बाद शुरू हुआ फर्जी वाड़े का खेल किसी अभ्यर्थी के लेट होने पर उससे लेट फीस 50रु भी ली गई
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बता दें कि पटवारी बनने के लिए इस केन्द्र में बलरामपुर जिले के अलावा झारखंड के भी बेरोजगार प्रसिक्षण ले रहे थे और उनकी संख्या सैकडों में थी।युवकों ने बताया की उन्हें मोबाईल में इसका विज्ञापन देखने मिला था। वहीं कई जगह गांव में मुनादी भी कराई गई थी।बताया जा रहा है कि प्रशिक्षण दे रहे जितेन्द्र यादव और उसकी पत्नि चंद्रकिरण ने अपना रजिस्ट्रेशन दिखाकर जनपद पंचायत के सीईओ को भी झांसे में ले लिया था और सीईओ जनपद का ही एक सरकारी भवन भी एलाट करा लिया था।
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फर्जीवाडे का ये पूरा खेल जनपद के ही एक कमरे में किया जा रहा था।आज शिकायत मिलने के बाद नायब तहसीलदार और पुलिस की टीम ने जब छापामार कार्रवाई किया तो पूरे मामले का खुलासा हुआ और जांच टीम ने जब प्रशिक्षण दे रहे लोगो से दस्तावेज मांगे तो उनके पास कोई भी दस्तावेज नहीं था। कोई भी दस्तावेज नहीं मिलने पर जांच टीम ने पत्नि चंद्रकिरण को हिरासत में लेकर उससे पुछताछ शुरू कर दिया है वहीं उसका पति जितेंद्र मौके पर नहीं मिला जिसकी तलाश की जा रही है। नायब तहसीलदार ने बताया की इनके पास प्रसिक्षण से संबंधित कोई भी दस्तावेज नहीं मिला है और इनके एनजीओ की भी जांच की जाएगी,कोई भी दस्तावेज नहीं मिलने पर उन्होने 420 के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की बात कही है।वहीं उन्होने कमरा देने वाले सीईओ से भी पुछताछ करने की बात कही है।
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