रायपुर। जाने-माने स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व सांसद केयूर भूषण का आज 90 वर्ष की आयु में एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे।
केयूर भूषण जन्म 1928 में दुर्ग जिले के ग्राम जांता के मिश्रा परिवार में हुआ था। उन्होंने 11 साल की उम्र से ही आज़ादी की लड़ाई में भाग लेना शुरु कर दिया। सिर्फ 18 साल के थे जब 1942 के आंदोलन में भाग लेकर नौ महीने तक जेल में रहे थे। बाद में वे किसान मजदूर आंदोलन से जुड़कर जेल गये थे।
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केयूर भूषण गांधीवादी चिंतक थे। उन्होंने 1980 से 1989 तक संसद में दो बार रायपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा वे छत्तीसगढ़ी लेखक के रुप में भी जाने जाते थे। उनकी रचनाएं लहर (कविता संकलन), कुल के मरजाद (छत्तीसगढ़ी उपन्यास), कहाँ बिलोगे मोर धान के कटोरा (छत्तीसगढ़ी उपन्यास), कालू भगत (छत्तीसढ़ी कथा संकलन) आदि हैं। वे छत्तीसगढ़ी अउ छत्तीसगढ़ संदेश साप्ताहिक का संपादन भी करते रहे। केयूर भूषण पृथक छत्तीसगढ़ आंदोलन से भी जुड़े रहे थे। उन्हें छत्तीसगढ़ शासन ने पं. रविशंकर शुक्ल सदभावना पुरस्कार से 2001 में सम्मानित किया था। वे अपनी सादगी के लिए भी जाने जाते थे।
राज्यपाल बलरामजी दास टंडन ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पूर्व लोकसभा सांसद एवं साहित्यकार केयूर भूषण के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।राज्यपाल श्री टंडन ने अपने शोक संदेश में कहा है कि स्वर्गीय केयूर भूषण ने देश के आजादी के आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई थी। वे गांधीवादी चिंतक थे। श्री टंडन ने स्वर्गीय श्री केयूर भूषण के शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें इस दुख की घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करने और मृत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। सीएम डॉ रमन सिंह ने भी केयूर भूषण के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि हमने चिंतक और साहित्यकार को खो दिया है।
उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय श्री केयूर भूषण रायपुर लोकसभा क्षेत्र से दो बार सांसद भी रह चुके हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका 90 वर्ष की उम्र में आज शाम रायपुर में निधन हो गया।
वेब डेस्क, IBC24
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