दलदल में फंसा हाथियों का दल, वन विभाग ने किया रेस्क्यू | Gang of elephants trapped in a swamp

दलदल में फंसा हाथियों का दल, वन विभाग ने किया रेस्क्यू

दलदल में फंसा हाथियों का दल, वन विभाग ने किया रेस्क्यू

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:52 PM IST, Published Date : October 25, 2017/5:12 am IST

पत्थलगांव में हिम्मत का कमाल और मानवीय संवेदनाओं का अनोखा मेल नजर आया. जिन हाथियों से ग्रामीण खौफ खाते है. जब वो मुसीबत में फंसे. तो ग्रामीण उनके लिए मसीहा बन कर आए. और उन्हें मुसीबत से निकाला.

इधर हाथियों ने भी गजब की हिम्मत दिखाई. ग्रामीणों की मदद और अपने लंबे संघर्ष के बाद मुसीबत के कुएं से निकले हाथी. दरअसल पत्थलगांव के सीतापुर इलाके में हाथी आए दिन आतंक मचाते है. 

लेकिन इस बार वो खुद मुसीबत में घिर गए. हुआ यूं. कि हाथियों का एक दल नवाटोली गांव में घुस आया था. नुकसान से बचने के लिए ग्रामीणों ने हाथियों को गांव से दूर खदेड़ दिया. लेकिन इस दौरान एक हथिनी और उसके तीन बच्चे एक कुएं नुमा गड्ढे में गिर पड़े.

हाथियों का ये परिवार इस मुसीबत से निकलने के लिए रातभर संघर्ष करता रहा. कभी अपनी सूंड से बाहर आने की कोशिश की. तो कभी पैरों के सहारे इस मुसीबत से छुटकारा पाने की कोशिश की. लेकिन फिसलन के चलते उनकी ये कोशिशें नाकाम रही. लेकिन हाथियों ने हिम्मत नहीं हारी.. और अपना संघर्ष जारी रखा. इस बीच सुबह हो गई. 

ग्रामीणों को इस बात की जानकारी लगी. लेकिन नर दंतेल हाथी अपने परिवार की रक्षा के लिए यहीं मंडरा रहा था. लिहाजा किसी की हिम्मत नहीं हुई. कि वो कुएं के पास फटक जाए. बाद में दंतेल हाथी को खदेड़ा गया. जिसके बाद देखते ही देखते यहां लोगों का मजमा लग गया.

अब जो हाथ हाथियों को खदेड़ने के लिए उठे थे. वो अब इन्हीं हाथियों को मुसीबत से बचाने के लिए उठे. ग्रामीणों ने पेड़ काटकर गड्ढे में डाले. ताकि हाथी बाहर आ सके. लेकिन उनका ये तरीका काम नहीं आया. इसके बाद एक तरफ से रास्ता बनाया गया. जिस पर हाथी एक एक कर बाहर आ गए.

हाथियों को बचाने के लिए चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में ग्रामीण मसीहा साबित हुए. तो वहीं वन अमले ने भी पहुंचकर रस्म अदायगी की. हाथियों को मुसीबत से छुटकारा दिलाने के बाद उन्हें गांव से दूर खदेड़ दिया गया. इस इलाके में हाथी अक्सर उत्पात मचाते रहते है. जिसे रोक पाने में वन विभाग नाकाम साबित हुआ है. आलम ये है. कि हाथी और ग्रामीण दोनों एक दूसरे से खौफ खाते है. बावजूद इसके ग्रामीणों ने मानवता की मिसाल पेश की है. जो काबिले तारीफ है.

 

 

 

 

 

 
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