बच्चों को स्कूली शिक्षा 'छत्तीसगढ़ी' में देने के लिए सरकार ने शुरू की कवायद | Government will give school education in Chhattisgarhi language

बच्चों को स्कूली शिक्षा ‘छत्तीसगढ़ी’ में देने के लिए सरकार ने शुरू की कवायद

बच्चों को स्कूली शिक्षा 'छत्तीसगढ़ी' में देने के लिए सरकार ने शुरू की कवायद

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : February 5, 2018/10:58 am IST

लोरमी। किसी भी प्रदेश या क्षेत्र की भाषा ही उसकी पहचान होती है, पिछले कई दिनों से इस पहचान को प्रदेश की आनी वाली पीड़ी को पहंुचाने की आवाज प्रदेश के अलग-अगल शहरों से उठती रही है, लेकिन मध्यप्रदेश के अलग होने और क्षेत्र को खुद की पहचान राज्य के रूप में मिलने के बाद से ही इस मांग को भी बल मिला की प्रदेश के बच्चों को मातृभाषा छत्तीसगढ़ में ही पढ़ाई करवाई जाए। जिसके लिए जल्द ही छत्तीसगढ़ में प्राईमरी स्कूल के बच्चों को स्कूली शिक्षा उनकी अपनी मातृभाषा मतलब छत्तीसगढ़ी में दी जायेगी। इसको लेकर सरकारी कवायद शुरु हो गई है।

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छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के अध्यक्ष डा. विनय कुमार पाठक एकदिवसीय कार्यक्रम में शामिल होनें लोरमी पहुंचे हुए थे जहां पर उन्होनें आईबीसी24 से खास बातचीत में इस बात खुलासा किया। राजभाषा आयोग के अध्यक्ष डा. विनय कुमार पाठक के मुताबिक अभी तक प्राईमरी से लेकर स्कूल काॅलेज तक हर जगह पर छत्तीसगढ़ी को अनुपातिक रुप से शामिल किया गया है। लेकिन अब प्राईमरी स्तर पर छत्तीसगढ़ी के महत्व को बढ़ाने के लिए बच्चों की पढ़ाई छत्तीसगढ़ी मातृभाषा में करायी जानी चाहिए।

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डा. पाठक के मुताबिक इस संबंध में आयोग की ओर से शासन को पत्र लिखा गया है। इस पर काम भी शुरु हो गया है और आने वाले 1-2 वर्षों में ये काम शुरु हो जायेगा। गौरतलब है कि राज्य गठन के बाद 2008 में प्रदेश में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का गठन किया गया। जिसके बाद से ही छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न क्षेत्रों में काम किये जा रहे हैं। इसी के साथ 28 नवंबर को छत्तीसगढ़ राजभाषा दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

 

 

 

वेब डेस्क, IBC24