रायपुर में पुतले फूंकने के ट्रेंड से फल-फुल रहा पुतलों का बिज़नेस | growing Manufacturing of effigies from Effigy combustion

रायपुर में पुतले फूंकने के ट्रेंड से फल-फुल रहा पुतलों का बिज़नेस

रायपुर में पुतले फूंकने के ट्रेंड से फल-फुल रहा पुतलों का बिज़नेस

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:54 PM IST, Published Date : November 3, 2017/6:52 am IST

छत्तीसगढ़ में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लिहाज़ा सियासत गर्मायी हुई है। रोज़ाना अलग-अलग मुद्दे को लेकर प्रदर्शन का दौर चल रहा है और इसमें पुतले फूंकने का चलन भी तेज़ी से बढ़ा है।

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रायपुर में इन दिनों पुतले की डिमांड भी ज्यादा है और कीमत में भी इज़ाफा हुआ है।आजकल विरोध प्रदर्शन में पुतले फूंकने का ट्रेंड चल रहा है, चूंकि प्रदेश में राजनीति का केंद्र रायपुर है. लिहाज़ा यहां पुतले की डिमांड ज्यादा है। 

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रायपुर में बांसटाल इलाके में ही सबसे ज्यादा पुतले बनाए जाते हैं। औसतन 3 दिन में एक पुतला बनता है. लेकिन चुनावी सरगर्मी तेज़ होने के साथ ही इनकी डिमांड और कीमत दोनों में इजाफा हो गया है।

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पुतले बनाने वालों ने बातचीत में बताया कि वे रोजाना 5 पुतला बना लेते हैं. जो 250 सौ से 300 सौ रुपए तक की कीमत में बिकते हैं. वैसे तो अक्सर विपक्ष के लोग ही पुतले ज्यादा फूंकते हैं. लेकिन चुनाव के दौरान सभी दल सक्रिय हो जाते हैं ।

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पुतला बनाने वाले कारीगरों की मानें तो उनके पास सभी दल के लोग पुतला बनाने आते हैं, लेकिन वे किसी भी नेता का नाम नहीं बताते. लिहाज़ा उन्हे भी नहीं पता रहता है, कि वे किसका पुतला बना रहे हैं, लेकिन ऑर्डर देने पर वे तुरंत पुतला ज़रूर तैयार कर देते हैं।

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कम खर्च लेकिन असरदार होने के चलते पुतला दहन का क्रेज भी बढ़ा है और ट्रेंड भी. क्योंकि अगर पुतला जला तो समझिए. हर्रा लगे न फिटकरी और रंग चोखा। 

 

स्टार जैन, IBC 24,रायपुर

 

 
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