ग्वालियर-चंबल की 4 सीटों पर टिकट के लिए कांग्रेस में मारामारी, गुना से प्रत्याशी खोजना बीजेपी के लिए टेढ़ी खीर | gwalior-chambal candidate news for lok sabha election

ग्वालियर-चंबल की 4 सीटों पर टिकट के लिए कांग्रेस में मारामारी, गुना से प्रत्याशी खोजना बीजेपी के लिए टेढ़ी खीर

ग्वालियर-चंबल की 4 सीटों पर टिकट के लिए कांग्रेस में मारामारी, गुना से प्रत्याशी खोजना बीजेपी के लिए टेढ़ी खीर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:58 PM IST, Published Date : March 11, 2019/2:47 pm IST

ग्वालियर। लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ग्वालियर-चंबल अंचल में भी चुनावी बिगुल बज गया है। ग्वालियर-चंबल अंचल की चार सीटों पर टिकट के लिए कांग्रेस में मारामारी रहेगी। कांग्रेस के लिए भिंड, ग्वालियर, मुरैना में मजबूत प्रत्याशी तलाशना चुनौती रहेगा। वहीं बीजेपी के लिए गुना सीट पर दमदार उम्मीद्वार खोजना टेढ़ी खीर होगा। मुरैना और भिंड की सीटों पर वर्तमान सांसदों के लिए हालात ठीक नहीं है। इसके बावजूद मुरैना सांसद अभी चुनावी मैदान से पीछे हटने को तैयार नही हैं। ऐसे में मौजूदा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कह रहे हैं कि वह पार्टी के आदेश का इंतेजार कर रहे है।

ग्वालियर-चंबल अंचल में इस बार का लोकसभा चुनाव में बीजेपी-कांग्रेस के बीच तगड़ा मुकाबला होगा। कांग्रेस पर गौर करें,  तो अंचल की महज एक मात्र गुना लोकसभा सीट ही कांग्रेस के पास है। यहां ज्योतिरादित्य सिंधिया 2002 से लगातार सांसद है। उधर मुरैना, भिंड और ग्वालियर लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के लिए प्रत्याशी उतारना चुनौती बना हुआ है। ग्वालियर में केंद्रीयमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के सामने कांग्रेस को कद्दावर चेहरा चाहिए। वहीं भिंड सीट पर कांग्रेस 2014 के बुरे अनुभव से गुजरी थी। उस दौरान कांग्रेस ने भागीरथ प्रसाद को टिकट दिया था। लेकिन कांग्रेस का टिकट लेकर भागीरथ प्रसाद पाला बदलकर बीजेपी मैदान में उतरे थे। ऐसे में कांग्रेस ने आनन-फानन में डबरा विधायक इमरती देवी को यहां से प्रत्याशी बनाया, जो सीट हार बैठी। मुरैना में भी कांग्रेस के लिए गुटबाजी के बीच उम्मीद्वार तय करना मुसीबत का सबब रहेगा। हालांकि कांग्रेस का दावा है कि गुना के साथ ही मुरैना, भिंड और ग्वालियर के लिए उनके पास दमदार उम्मीद्वार है। जल्द ही वो चेहरे सामने आएंगे।

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अंचल की चार में से तीन सीटों पर कामयाबी हासिल की थी। उस दौरान अंचल की विधानसभा की 34 में 20 सीटें बीजेपी के खाते में थी। लेकिन 2019 के लोकसभा के वक्त बीजेपी के पास महज 7 विधानसभा सीटें ही बची है। ऐसे में बीजेपी की डगर इस बार आसान नही है। ग्वालियर से केंद्रीयमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के लिए चुनौती बड़ी रहेगी तो उधर मुरैना सांसद अनूप मिश्रा की अपने ही क्षेत्र में गैरमौजूदगी से नाराज लोगों ने सांसद लापता तक के पोस्टर लगा दिए गए थे। भिंड सांसद भागीरथ प्रसाद के लिए भी मुश्किलें कम नही है। हालांकि मुरैना सांसद अभी चुनावी मैदान से पीछे हटने को तैयार नही हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कह रहे है, वह पार्टी के आदेश का इंतेजार कर रहे है।

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ग्वालियर-चंबल अंचल की चार सीटों के आंकड़े देखें तो ग्वालियर लोकसभा सीट- नरेंद्र सिंह तोमर, सांसद है। कुल विधानसभा सीटें- 08, बीजेपी- 01 सीट पर है, तो कांग्रेस- 7 सीट पर। भिंड लोकसभा क्षेत्र से भागीरथ प्रसाद, सांसद है। कुल विधानसभा सीटें- 08, बीजेपी- 02 सीट, कांग्रेस- 05 सीट, बीएसपी- 01 सीट। मुरैना लोकसभा क्षेत्र से अनूप मिश्रा सांसद है। कुल विधानसभा सीटें- 08, बीजेपी- 01 सीट, कांग्रेस- 07 सीट। गुना लोकसभा क्षेत्र से ज्योतिरादित्य सिंधिया, सांसद है। कुल विधानसभा सीटें- 08, बीजेपी- 03 सीट, कांग्रेस- 05 सीट। ग्वालियर-चंबल संभाग की 4 लोकसभा सीटों में से 3 पर बीजेपी है, तो 1 पर कांग्रेस है। ऐसे में विधानसभा चुनाव में जो रिजल्ट आए थे, वो बीजेपी के लिए अच्छे नही हैं। ऐसे में बीजेपी भितरघात से लेकर ऐसे प्रत्याशियों को चुनने में लगी हुई है। जो उसकी साख बचा पाएं।

 
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