हरियाणा के सीएम खट्टर की अपील, मानवता के आधार पर खत्म करें किसान आंदोलन | Haryana CM Khattar appeals, end farmer movement on the basis of humanity

हरियाणा के सीएम खट्टर की अपील, मानवता के आधार पर खत्म करें किसान आंदोलन

हरियाणा के सीएम खट्टर की अपील, मानवता के आधार पर खत्म करें किसान आंदोलन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : April 16, 2021/11:05 am IST

नई दिल्ली। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों से कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मानवता के आधार पर आंदोलन वापस लेने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने यह अपील ऐसे समय की है, जब राज्य सरकार ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए बंद स्थानों और खुले स्थानों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में लोगों की अधिकतम संख्या घटाकर क्रमश: 50 और 200 निर्धारित कर दी है।

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आधिकारिक बयान के मुताबिक, महामारी की स्थिति की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि इस समय कोविड-19 की वजह से जीवन को खतरा हो सकता है। यह विरोध प्रदर्शन करने का सही समय नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को अपना आंदोलन मानवता के आधार पर वापस ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थिति में सुधार होने के बाद वे अपना प्रदर्शन जारी रख सकते हैं। मुख्यमंत्री ने जिला उपायुक्तों को भी निर्देश दिया कि वे प्रदर्शनकारी किसानों से संपर्क करें और उन्हें इसके लिए मनाएं।

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इससे पहले, राज्य सरकार ने खुले स्थानों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में 500 लोगों के और बंद स्थान पर होने वाले कार्यक्रम में 200 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी थी। मुख्यमंत्री खट्टर ने गुरुवार को कहा कि विरोध-प्रदर्शन करना प्रत्येक व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है और सरकार को कोई समस्या नहीं है, अगर वह शांतिपूर्ण तरीके से होता है, लेकिन कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से पैदा हुई स्थिति चिंता का विषय है।

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इससे पहले बीते सप्ताह हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा था कि आज जब एक बार फिर कोरोना बहुत तेजी से फैल रहा है, ऐसे में हरियाणा की सीमाओं पर किसानों का इतना बड़ा जमावड़ा लगा हुआ है। मुझे आज जनता के साथ ही किसानों भी कोरोना संक्रमण से बचाना है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए मैं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखने वाला हूं, जिससे कि किसानों के साथ बातचीत का सिलसिला दोबारा शुरू किया जा सके।

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गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ बीते साल 26 नवंबर से हजारों की तादाद में किसान दिल्ली और हरियाणा की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। कृषि कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है।

 

 
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